-उप्र लोक सेवा आयोग में 21 जून से 17 जुलाई के बीच होगा मेंस एग्जाम में सफल हुए अभ्यर्थियों का इंटरव्यू

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PRAYAGRAJ: उप्र लोक सेवा आयोग के पीसीएस-जे 2018 मेंस एग्जाम में सफल हुए अभ्यर्थियों का इंटरव्यू का कार्यक्रम बुधवार को जारी कर दिया। कार्यक्रम के मुताबिक 21 जून से 17 जुलाई के बीच आयोग में अभ्यर्थियों का इंटरव्यू कराया जाएगा। गौरतलब है कि 13 जून को पीसीएस-जे मेंस एग्जाम का परिणाम घोषित हुआ था। इसके बाद प्रतियोगियों ने एक ही कक्ष में एग्जाम देने वाले कई अभ्यर्थियों को सफल घोषित करने पर रिजल्ट के औचित्य पर सवाल खड़ा किया था। वहीं पांच दिनों के भीतर ही इंटरव्यू का कार्यक्रम घोषित किए जाने पर प्रतियोगियों ने इसे आयोग प्रशासन का तानाशाही रवैया करार दिया है।

यह है विवाद
पीसीएस-जे मेंस एग्जाम के रिजल्ट को लेकर प्रतियोगियों ने आरोप लगाया था कि इसके प्री के रिजल्ट में 0055 सीरिज के आठ छात्र जिस क्रम में पास हुए हैं उसी क्रम में वे मेंस एग्जाम में भी सफल हुए हैं। प्रतियोगियों से इसी गड़बड़ी को लेकर आयोग के सामने प्रदर्शन किया था और हाईकोर्ट की शरण में भी जाने का निर्णय लिया है।

1847 अभ्यर्थी मेंस में हुए हैं सफल
पीसीएस-जे मेंस एग्जाम का रिजल्ट 13 जून को घोषित किया गया था। इसमें 610 रिक्तियों के सापेक्ष 1847 अभ्यर्थियों को इंटरव्यू के लिए सफल घोषित किया गया था। प्रतियोगी छात्र संघर्ष समिति के प्रवक्ता अवनीश पांडेय के मुताबिक इंटरव्यू के लिए अभ्यर्थियों को तैयारी करने के लिए कम से कम पंद्रह दिन का समय दिया जाना चाहिए था। लेकिन बुधवार को इंटरव्यू का कार्यक्रम जारी करके एक दिन बाद ही इंटरव्यू कराना एक बार फिर आयोग की कार्य प्रणाली को कठघरे में खड़ा करता है।

नहीं पहुंचे परीक्षा नियंत्रक
बुधवार को पीसीएस-जे इंटरव्यू का कार्यक्रम कार्य वाहक परीक्षा नियंत्रक बृजेन्द्र कुमार द्विवेदी द्वारा जारी किया गया है। जबकि जिस दिन पीसीएस-जे मेंस एग्जाम का रिजल्ट घोषित किया गया था उसके अगले ही दिन शासन ने मऊ जिले के सीडीओ अरविंद कुमार मिश्रा को आयोग का परीक्षा नियंत्रक नियुक्त किया था और उन्हें तत्काल प्रभाव से कार्यभार ग्रहण करने को भी कहा था। लेकिन बुधवार की देर शाम तक श्री मिश्रा नहीं पहुंच सके।

अभ्यर्थियों को इतना भी समय नहीं दिया गया है कि वह इंटरव्यू में शामिल होने के लिए मेंटली प्रिपेयर हो सकें। जबकि मेंस के रिजल्ट को लेकर आयोग प्रशासन को प्रतियोगियों की आपत्ति पर ध्यान देना चाहिए था.-अवनीश पांडेय, प्रवक्ता प्रतियोगी छात्र संघर्ष समिति