तमाम आला अफसरों की मौजूदगी में बनी सहमति

- संवेदनशील पदों पर तैनात अफसरों को शासन देगा सुरक्षा

- एसओ और सीओ होंगे ट्रांसफर, दो निलंबित अफसर होंगे बहाल

LUCKNOW :

लखनऊ कलेक्ट्रेट परिसर में वकीलों द्वारा एडीएम और एसीएम के साथ मारपीट के बाद हड़ताल पर गये पीसीएस अफसरों ने शासन के वरिष्ठ अधिकारियों की मौजूदगी में बनी सहमति के बाद हड़ताल वापस ले ली है। चुनावी बयार में पीसीएस अफसरों के हड़ताल पर जाने के ऐलान से शासन के सामने मुसीबत खड़ी हो गयी थी। रविवार को आलाधिकारियों की मौजूदगी में तय हुआ कि संवेदनशील पदों पर तैनात पीसीएस अफसरों को जिले के बजाय शासन स्तर से सुरक्षा मुहैया करायी जाएगी। साथ ही इस घटना में अफसरों के खिलाफ एफआईआर लिखने वाले सीओ और एसओ का ट्रांसफर किया जाएगा।

निलंबित अफसर भी होंगे बहाल

रविवार को प्रमुख सचिव गृह देबाशीष पण्डा, प्रमुख सचिव नियुक्ति किशन सिंह अटोरिया, गृह सचिव मणि प्रसाद मिश्रा, आईजी जोन ए। सतीश गणेश, कमिश्नर भुवनेश कुमार, डीआईजी प्रवीण कुमार और पीसीएस एसोसिएशन के अध्यक्ष उमेश प्रताप सिंह व अन्य पदाधिकारियों की मौजूदगी में मान-मनौवल का दौर शुरू हुआ तो कई अहम बिंदुओं पर सहमति बनने के बाद हड़ताल को वापस लेने का निर्णय ले लिया गया। तय हुआ कि पीडीएस में कोटा आवंटित करने में लापरवाही के आरोप में निलंबित की गयीं बरेली की एसडीएम अर्चना द्विवेदी को बहाल किया जाएगा। इसी तरह सिद्धार्थनगर में वकील के साथ मारपीट की झूठी शिकायत पर निलंबित एसडीएम अवधेश मिश्रा की भी बहाली होगी। भविष्य में मजिस्ट्रेट ड्यूटी पर तैनात पीसीएस अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर नहीं लिखी जाएगी। इस बाबत शासन ने जल्द सर्कुलर जारी करने का आश्वासन दिया है। साथ ही संवेदनशील पदों पर तैनात पीसीएस अधिकारियों को अब जिले के बजाय शासन स्तर से सुरक्षा मुहैया करायी जाएगी। इसका भी निर्देश जल्द ही जिलों को भेज दिया जाएगा।