दोषियों पर कार्रवाई न होने से बढ़ता जा रहा पीसीएस अफसरों में आक्रोश

मामले का हल न निकलने पर प्रदेशव्यापी हड़ताल पर जाने की संभावना

LUCKNOW: कानपुर में एसडीएम घाटमपुर और तहसीलदार को पीटने वाले पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई न होने के विरोध में सूबे के तमाम पीसीएस अधिकारियों ने मंगलवार को कलम नहीं उठाई। इसका सबसे ज्यादा असर कानपुर में रहा, जहां कल ही अधिकारियों ने कलमबंद हड़ताल करने का ऐलान कर दिया था। एसोसिएशन ने बाकी जगहों पर हड़ताल पर न जाने की रणनीति बनाई थी लेकिन जिलों से मिल रही सूचनाओं के मुताबिक कई जगहों पर अधिकारियों ने खुद को काम-काज से विरत रखा।

कानपुर में जारी है मान-मनौवल का दौर

पीसीएस एसोसिएशन ने सोमवार को इस मामले को मुख्य सचिव आलोक रंजन और प्रमुख सचिव गृह देबाशीष पण्डा के सामने उठाने का फैसला लिया था। एसोसिएशन के प्रतिनिधमंडल द्वारा मुख्य सचिव को इस बाबत ज्ञापन सौंपने की भी तैयारी थी। बाद में तय हुआ कि कानपुर में वरिष्ठ अधिकारी यदि मंगलवार को दोषियों पर कार्रवाई करते हैं तो एसोसिएशन अपने रुख पर दोबारा विचार करेगी। सूत्रों के मुताबिक कानपुर में मंगलवार को दोनों पक्षों के बीच मान-मनौवल का दौर जारी था। एसोसिएशन से जुड़े एक अधिकारी ने बताया कि यदि देर रात तक कानपुर के वरिष्ठ अधिकारियों ने दोषी पुलिसकर्मियों और जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की तो बुधवार को यह मामला शासन के समक्ष उठाया जाएगा। कानपुर की तरह पूरे प्रदेश में पीसीएस अफसर हड़ताल पर जा सकते हैं।

बैठक में जताया था आक्रोश

कानपुर में हुई घटना के विरोध में सोमवार को पीसीएस एसोसिएशन की बैठक में अधिकारियों ने आक्रोश व्यक्त करते हुए कहा था कि इन हालात में बतौर मजिस्ट्रेट कानून-व्यवस्था की ड्यूटी करना नामुमकिन है। बैठक में फिरोजाबाद में खनन माफिया द्वारा एसडीएम पर जेसीबी चढ़ाने की कोशिश के मामले की निंदा भी की गयी। साथ ही दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की पुरजोर मांग उठी। बैठक में प्रोन्नत अधिकारी संघ और राजस्व अधिकारी संघ के पदाधिकारियों ने भी हिस्सा लिया था जिससे सरकार की मुश्किलें भी बढ़ गयी थी।