- पदोन्नति, सुरक्षा, तैनाती समेत कई मांगे मुख्यमंत्री के सामने रखीं

LUCKNOW: सूबे के पीसीएस अधिकारियों ने अपनी पुरानी मांगों को लेकर एक बार फिर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से गुहार लगाई है। गुरुवार को पीसीएस एसोसिएशन के प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री से भेंट कर उन्हें पदोन्नति, सुरक्षा, तैनाती, ट्रेनिंग और तबादलों को लेकर आ रही व्यवहारिक दिक्कतों के बारे में बताया और इनके निस्तारण का अनुरोध किया। मुख्यमंत्री ने प्रतिनिधिमंडल की मांगों को गौर से सुनने के बाद इनका जल्द निराकरण कराने का आश्वासन दिया है।

संवर्ग को लेकर भी समस्याएं

पीसीएस एसोसिएशन के अध्यक्ष उमेश प्रताप सिंह, महासचिव पवन गंगवार, संयुक्त सचिव समीर वर्मा के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री से मुलाकात के दौरान बताया कि वर्ष 2017 की आईएएस संवर्ग में पीसीएस अफसरों की पदोन्नति द्वारा भरी जाने वाली रिक्तियों के सापेक्ष केंद्र सरकार व संघ लोक सेवा आयोग से समन्वय करके पदोन्नति की कार्यवाही को जल्द पूरा किया जाना चाहिए। पीसीएस से आईएएस में पदोन्नति के लिए अर्हकारी सेवा आठ वर्ष की होती है जबकि यूपी में इसमें ज्यादा समय लगता है। इस प्रकरण में तय समय में वेतनमान में बढ़ोतरी से इस संवर्ग के अधिकारियों के मनोबल पर सकारात्मक प्रभाव पडे़गा। इसी तरह वरिष्ठ पीसीएस अफसरों के कई पद रिक्त हैं। इन्हें भरने से शासन का कार्य भी सुगमता से हो सकेगा।

अनुभव के बाद भी तैनाती नहीं

इसी तरह वरिष्ठ पीसीएस अधिकारियों के लिए राज्य संपत्ति अधिकारी, उपाध्यक्ष विकास प्राधिकरण, नगर आयुक्त आदि पद तैनाती के लिए चिन्हित किये गये थे। इनमें आईएएस की जगह पीसीए की तैनाती ही होनी चाहिए। वहीं पीसीएस अफसरों को सुरक्षा प्रदान करने की कोई नीति नहीं है जबकि कई बार अवैध खनन, सांप्रदायिक तनाव, भू-माफिया के खिलाफ कार्रवाई करने के दौरान व शांति व्यवस्था व अन्य ड्यूटी के दौरान पीसीएस अफसरों पर हमले भी हो चुके हैं। उन्होंने कानपुर, लखनऊ और बरेली की घटनाओं का हवाला देते हुए बताया कि इस बाबत वरिष्ठ आईएएस अधिकारियों के साथ वार्ता के बाद शासनादेश जारी करने का आश्वासन दिया गया था जो आज तक जारी नही हो सका है। उन्होंने यह मांग भी की बिना नियुक्ति अधिकारी की अनुमति के पीसीएस अफसरों के खिलाफ एफआईआर दर्ज न करने का शासनादेश जारी किया जाए।

ये भी रखी मांगें

- संवेदनशील पदों पर तैनात पीसीएस अफसरों को गनर मुहैया कराए जाएं।

- जनसमस्याओं के त्वरित निस्तारण को एसडीएम, एडीएम और सिटी मजिस्ट्रेट को एसी वाहन उपलब्ध कराए जाएं

- कुछ विभागों द्वारा पीसीएस अफसरों को हतोत्साहित करने वाले शासनादेश जारी किए जाते है। इस पर रोक लगनी चाहिए

- एसडीएम न्यायिक, एडीएम न्यायिक जैसे पदों पर तैनात अफसरों को स्टाफ दिया जाए

- पीसीएस अफसरों को समय-समय पर प्रशिक्षण दिया जाए

- पारिवारिक एवं व्यक्तिगत कारणों से पीसीएस अफसरों के अनुरोध पर तबादले किए जाएं

- विधानसभा चुनाव 2017 में ड्यूटी करने वाले अफसरों को मानदेय दिलाया जाए