- महज तीन ही ट्रांसफार्मर की कैंट बोर्ड की अनुमति
- विद्युत विभाग और कैंटबोर्ड के बीच विवाद, कैंट बोर्ड ने उठाया कदम
- कैंट बोर्ड ने अनाधिकृत ट्रांसफार्मर हटाने या शुल्क वसूलने का दिया आदेश
मेरठ। कैंट एरिया में विद्युत विभाग के अधिकतर विद्युत ट्रांसफार्मर अवैध रुप से बिना अनुमति के लगे हैं। कई सालों से कैंट बोर्ड को भी इससे कोई आपत्ति नहीं थी। लेकिन गत दिनों विद्युत विभाग और कैंटबोर्ड के बीच विवाद होने पर अब कैंट बोर्ड इन अवैध विद्युत ट्रांसफार्मर पर सख्त हो गया है। विद्युत विभाग की मनमानी को देखते हुए कैंट बोर्ड ने अनाधिकृत ट्रांसफार्मर हटाने या शुल्क वसूलने का आदेश दिया है।
सिर्फ तीन की अनुमति
कैंट क्षेत्र में बिजली विभाग की दो डिवीजन सेकेंड और फोर्थ में 18 ट्रांसफॉर्मर्स से पावर सप्लाई हो रही है। सूत्रों की मानें तो कैंट एरिया में लगे केवल तीन ट्रांसफार्मर के लिए बिजली विभाग ने कैंट बोर्ड से अनुमति और लीज पर जगह ली थी।
लीज भी हो चुकी है खत्म
खासबात यह है कि इन तीन ट्रांसफार्मर की लीज अवधि भी अब समाप्त हो चुकी है। इसलिए कैंट बोर्ड अब नए स्तर पर नई प्रक्रिया के तहत ट्रांसफार्मर लगने के लिए विद्युत विभाग से एग्रीमेंट करेगा।
बोर्ड वसूलेगा पेनल्टी
कैंट बोर्ड ने विद्युत विभाग के अवैध ट्रांसफार्मर पर लगाम कसने के लिए अब अवैध ट्रांसफार्मर से प्रति ट्रांसफार्मर 25 हजार रुपए वसूलने की योजना बना रहा है। इनमें लीज समाप्त कर चुके ट्रांसफार्मर और अवैध ट्रांसफार्मर दोनों शामिल रहेंगे।
ट्रांसफार्मर रखने पर विवाद
गौरतलब है कि बीती 24 जुलाई को लालकुर्ती में ट्रांसफार्मर लगाने पर कैंट बोर्ड और विद्युत विभाग आमने-सामने आ गए थे। कैंट बोर्ड ने अपनी जगह पर ट्रांसफार्मर लगाने से रोक दिया था। इससे गुस्साए विद्युत विभाग ने बकाया भुगतान न होने का हवाला देते हुए कैंट बोर्ड के चार नलकूपों की आपूर्ति ठप कर दी। इससे दोनों के बीच विवाद ओर बढ़ गया था।
वर्जन
बिजली विभाग ने अधिग्रहण प्रक्रिया को पूरा किए बिना कैंट क्षेत्र में 18 ट्रांसफार्मर लगा दिए। कैंट बोर्ड को यह अधिकार है कि वह कैंट में लगे सभी 18 ट्रांसफार्मर से प्रति 25 हजार रुपये वसूले या उनको अपने क्षेत्र से हटा दे।
- एम जाफर, प्रवक्ता कैंट बोर्ड