- अंगूठा टेक होने पर चेक और एटीएम कार्ड भी नहीं देते बैंक्स

- पेंशनर्स के लिए बैंकों में नहीं है अलग से कोई भी काउंटर

BAREILLY:

पेंशनर्स की परेशानी किसी एक जगह नहीं है। बल्कि, बैंक्स आने पर उन्हें हर काम में समस्या झेलनी पड़ती है। बेसिकली गांव और निरक्षर पेंशनर्स के साथ कुछ ज्यादा ही समस्या है। बैंकों की कार्य प्रणाली इतने उलझाऊ है कि उन्हें संबंधित बैंक के ब्रांच से भी पेंशन का पैसा नहीं मिल पाता हैं। क्योंकि, अधिक निरक्षर पेंशनर्स को बैंक्स चेकबुक और एटीएम ही नहीं जारी करते हैं। जिसके चलते उनकी समस्या और बढ़ गयी है।

और नहीं हो पता चेक जारी

बैंकों में चेक और एटीएम कार्ड की सुविधा पाने के लिए सिग्नेचर करना आवश्यक है। अंगूठा टेक लोगों को बैंक्स न तो एटीएम कार्ड जारी करते है और न ही चेक बुक। बैंक के इस नियम से अधिकतर पेंशनर्स इस सुविधा से वंचित हो जाते है। रिटायरमेंट के बाद उनका शरीर इतना कमजोर हो जाता है कि वह ठीक ढंग से सिग्नेचर नहीं कर पाते हैं। ऐसे में उन्हें बैंक से कोई सुविधा नहीं मिल पाती है। लिहाजा सीनियर सिटीजन बैंक्स में घंटों लाइन में लगकर पेंशन का पैसा लेने के लिए मजबूर हैं। कम से कम चेक की सुविधा होती तो वह अपने घर के नजदीक संबंधित बैंक के किसी भी ब्रांच से पेंशन का पैसा कैश करा लेते। उन्हें बेवजह परेशानियों का सामना न करना पड़ता।

गांव में सबसे अधिक दिक्कत

गांव के बैंकों में सबसे अधिक समस्या पेंशनर्स को झेलनी पड़ती है। क्योंकि, यहां पर सुविधाओं का बेहद अभाव है। अधिकतर बैंकों में बैठने के लिए एक कुर्सी तक नहीं है। पेंशनर्स के लिए अलग से काउंटर तो दूर की बात है। शहर के बैंकों में भी पेंशन होल्डर्स के लिए अलग से कोई काउंटर्स नहीं बना हुआ है। एसबीआई जैसे-मेन ब्रांच में अलग से काउंटर की व्यवस्था नहीं है। पेंशनर्स को राहत देने के लिए कम से कम महीने के फ‌र्स्ट वीक में अलग से एक काउंटर तो बनाया ही जा सकता है। ताकि, उस काउंटर से बिना किया परेशानी के सीनियर सिटीजन अपना काम करा सके।