SARAIKELA: सरायकेला-खरसावां जिले के सरायकेला थानांतर्गत वीरबांस गांव में पिछले दिनों भूमि विवाद में बुद्धेश्वर कुम्भकार की गोली मारने के बाद गला रेतकर नृशंस हत्या को लेकर पूरे क्षेत्र में आक्रोश व्याप्त है। मंगलवार को हत्या के विरोध में कई गावों के हजारों आक्रोशित ग्रामीण हत्यारोपी को गिरफ्तार कर उनके हवाले करने की मांग करते हुए सड़क पर उतरे। जिसमें महिलाओं की तादाद अधिक थी। ग्रामीणों में इतना आक्रोश था कि हालात बेकाबू हो गया और पुलिस के साथ भी नोक-झोंक हुई। पुलिस एवं प्रशासनिक अधिकारी ग्रामीणों को समझाते रहे परंतु आक्रोश कम नहीं हुआ। चार घंटे तक काफी जद्दोजहद एवं मशक्कत के बाद पुलिस के आश्वासपर ग्रामीणों ने जाम हठाया।

जमकर किया विरोध

ग्रामीण मुख्य आरोपित की गिरफ्तारी एवं हत्यारोपित को हवाले करने की मांग कर रहे थे। मंगलवार सुबह बीरबांस गांव में लोगों ने बैठक कर बुद्धेश्वर कुम्भकार की हत्या का जमकर विरोध किया और ग्यारह बजे लोग सरायकेला-कांड्रा मुख्य मार्ग पर आकर सड़क के किनारे खड़े हो गए। देखते-देखते बीरबांस, भोलाडीह, बालीगुमा, गोपीडीह व कोलाबीरा समेत कई गांवों के हजारों लोग जमा हो गए और शव का अंतिम संस्कार नहीं करने पर अड़े रहे। उनका कहना था कि पुलिस मुख्य आरोपित अनवर की गिरफ्तारी सुनिश्चित करें, इसके बाद ही मृतक का अंतिम संस्कार किया जाएगा। हजारों पुरुष व महिला सड़क पर बैठ गईं। इस बीच अचानक हजारों की संख्या में केशरिया झंडा लहराते हुए जय श्रीराम का नारा लगाते हुए लोग भीड़ में पहुंच गए और जोरों की नारेबाजी होने लगी। केशरिया झांडे के साथ जय श्रीराम की नारे लगाते हुए अचानक लोगों को देख कर पुलिस भी हक्के-भक्के में रही कि यह झंडे कहां से आया। तेजी से बढ़ रहे तनाव के मद्देनजर ड्रोन से इलाके की निगरानी की जा रही थी। पूरा गांव पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया गया था। चारों तरफ पुलिस ही पुलिस नजर आ रही थी। सरायकेला के अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी राकेश रंजन के नेतृत्व में जगह-जगह पुलिस निगरानी कर रही थी। बढ़ते तनाव के मद्देनजर अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी डॉ बशारत कयूम भी घटनास्थल पर पहुंच चुके थे और सुरक्षा का जायजा ले रहे थे। एसडीओ डॉ बशारत कयूम ने अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी सरायकेला से हालात के बारे में जानकारी ली।

पुलिस के साथ नोक-झोंक

एक बजते-बजते ग्रामीण बेकाबू हो गए और पुलिस के साथ उनकी नोक-झोक शुरू हो गई। सड़क जाम पर डटे लोगों से एसडीपीओ राकेश रंजन आग्रह करते रहे कि यह हत्या का मामला है और इसे राजनीतिक रंग न दें। उन्होंने भरोसा दिलाया कि आरोपित को जल्द से जल्द पकड़ कर सलाखों के पीछे भेजेंगे और उसे कड़ी से कड़ी सजा दिलाएंगे। आठ थाने की पुलिस घटनास्थल पर मौजूद रही। करीब चार घंटे तक समझा-बुझाकर ग्रामीणों को सड़क से हटाया गया और जाम हटा। इसके बाद पुलिस-प्रशासन ने राहत की सांस ली।

बार-बार बेहोश हो रही थी मां

सड़क पर उतरे लोगों की भीड़ में मृतक बुद्धेश्वर कुम्भकार की मां ललिता देवी काफी आक्रोशित देखी गई। वह आक्रोशित होकर पुलिस कोस रही थी और दहाड़ मारते हुए कह रही थी कि उन्हें बेटा नहीं बेटे की हत्या करने वाले अपराधी चाहिए। ललिता देवी पुलिस पर आरोप लगाते हुए दहांड़ रही थी कि पुलिस की लापरवाही के कारण आज उनका बेटा मारा गया और उनकी गोद सूनी हुई। पुलिस के कारण आज क्षेत्र में भू-माफियाओं का राज चल रहा है। वे इतने दबंग हो गए हैं कि भय से उनके विरुद्ध कोई आवाज उठाने की हिम्मत नहीं करता है। जिसने भी आवाज उठाई उसकी दशा उनके बेटे की तरह हुई। ललिता देवी पुलिस अधिकारी से बेटे के हत्यारे को उनके हवाले करने की मांग करते हुए बेहोश हो जाती थी और अन्य महिलाएं उन्हें संभाल रही थीं। भीड़ में मृतक की दोनों बहनें भी मां के साथ थीं और बिलख रही थी। दोनों बहनें भाई की हत्यारे की गिरफ्तारी एवं कड़ी सजा की मांग कर रही थीं।

इसलिए हुआ था मर्डर

जाहेरथान की जमीन पर अवैध रूप से कब्जा करने का विरोध करने पर वीरबांस के युवक बुद्धेश्वर कुम्भकार की रविवार रात हत्या कर दी गई थी। रात दस बजे भोलाडीह से शिवरात्रि मेला में आयोजित बुगी-बुगी डांस देख कर दोस्त के साथ घर लौट रहे बुद्धेश्वर पर पहले अंधाधुंध गोलियां चलाईं गई इसके बाद खेत में ले जाकर धारदार हथियार से गला रेत कर नृशंस हत्या की गई।