- बुजुर्गो से सुन रहे किस्से कहानियां

- घर में बच्चे कर रहे मनमानियां

- घर के काम में सबको कर दिया बिजी

<- बुजुर्गो से सुन रहे किस्से कहानियां

- घर में बच्चे कर रहे मनमानियां

- घर के काम में सबको कर दिया बिजी

GORAKHPUR: GORAKHPUR: कोरोना वायरस ने लोगों को घरों में ही कैद कर दिया है। रोजमर्रा के सामान भी घर में ही मिल रहे हैं, जिससे कि लोगों को कुछ हद तक खाने-पीने की मुसीबत का सामना नहीं करना पड़ रहा है। अब इसके बाद जो सबसे बड़ा चैलेंज है, वह है वक्त बिताना। बिजी रहने की आदत ने इस कदर लाइफ स्टाइल को चेंज कर दिया है कि अब लोगों को एक-एक मिनट घंटों के बराबर लग रहा है। ऐसे में वह भी अपना टाइम स्पेंड करने के तरीके ढूंढने में लग गए हैं। कोई अपने पिता के साथ टाइम पास में जुटा है, तो वहीं कोई बच्चों संग मस्ती कर रहा है। कोई फैमिली के साथ कैरम और लूडो जैसे गेम्स खेलने में लगा हुआ है, तो कोई कहानी सुनने की जिद में लग गया है। बुजुर्ग भी अपने वक्त की कहानियां सुना रहे हैं, वहीं बच्चे जिद कर टीवी और वीडियोगेम खेलने की ख्वाहिश पूरा करने में लगे हुए हैं।

भारत के पीएम नरेंद्र मोदी जो कि पूरे देश में लॉकडाउन की घोषणा की है ऐसे में हम सभी उसका पालन कर रहे हैं। बच्चों और बुजुर्गो को समझाना मुश्किल हो जाता है। लेकिन पीएम की बात तो हर युवा और बच्चे, यहां तक कि बुजुर्ग भी मान ले रहे हैं। बुजुर्गो का कहना है कि जान है तो जहान है। वैसे उन्हें समय पर हाथ धोने और मुंह पर मास्क लगाने के लिए कहना पड़ रहा है। हम अपने बुजुर्गो के संग बच्चों के साथ मिलकर कर कहानियां और उनके किस्से सुन कर समय बिता रहे हैं।

संजय अग्रवाल, पीसी ज्वैलर्स

कोरोना वायरस का भारत में काफी प्रभाव पड़ रहा है। इससे बचने के लिए पीएम मोदी ने आम जनता से अपील की है। ऐसे में हमें घरों में म्0 वर्ष से ऊपर की आयु तथा बच्चों को बाहर जाने से रोकने के लिए विभिन्न प्रकार के कदम उठाने चाहिए। जैसे कि बच्चों को और वरिष्ठ नागरिकों को इस विषय में सलाह दी जानी चाहिए कि बाहर वायरस हो सकता है और आप संक्रमित हो सकते हैं। हमें घर के हर एक व्यक्ति को बताना होगा कि यह वायरस किस तरह लोगों को बीमार बना रहा है। इससे उनका समय भी व्यतीत हो जाएगा और वह बाहर जाने से भी हिचकिचाएंगे। हम भी अपने घर में इस तरह से कोरोना को फैलने से बचा रहे हैं।

डॉ। अभिषेक यादव

इन दिनों बच्चे घर पर हैं और बच्चों को घर में रोक पाना टेढ़ी खीर साबित हो रही है। ऐसे में हम भी अपने बच्चों को घर से बाहर जाने से रोकने के लिए इन दिनों उनकी बहुत सी बातों को मानने को मजबूर हैं। अगर उनकों गेम खेलना है, तो हम उनको खेलने देते हैं। इन दिनों हमें उनकी सारी मनमानियों को पूरा करना पड़ रहा है। कोरोना वायरस की वजह से बच्चों के नखरे उठाने पड़ रहा है। हम तो ये ही प्रार्थना करते हैं जल्द से जल्द कोरोना मुक्ति मिले और सबकुछ नार्मल हो।

नीतिन मातनहेलिया, डीपी मोटर्स

हमारे घर में फैमिली मेंबर्स है और बुजुर्ग के साथ बच्चे भी हैं। मैं इन दिनों अपने घर से ही काम कर रहा हूं। इसलिए घर के बुजुर्गो को भी मैंने अपने साथ काम में साथ रख रहा हूं। मेरी वाइफ किचन में अक्सर बिजी रहती है। मैं भी उनका हाथ बटाता हूं। वैसे तो कोरोना वायरस को लेकर सभी जागरूक हैं। लेकिन घर में कितने दिन इंसान रह सकेगा। ऐसे में शाम को हम अपने घर की छत पर निकल जाते हैं और परिवार के साथ अंत्याक्षरी जैसा कोई गेम खेल लेते हैं। या फिर परिवार की पुरानी यादें ताजा कर लेते हैं। कभी किसी ने सोचा नहीं था कि दुनिया एक दिन एक वायरस को लेकर ही सभी लेकिन एकजुट हो जाएगी।

सलिल कुमार श्रीवास्तव, जेपी एजुकेशन एकेडमी

बच्चों का स्कूल बंद हैं और कोरोना की वजह से लॉकडाउन है। ऐसे में बच्चे घर में बोर हो जाते हैं। कभी टीवी तो कभी कैरम खेल रहे हैं। हालांकि इस समय पूरा परिवार एक साथ इकट्ठा है। यह मौका भी नहीं आम दिनों में नहीं मिलता है। इसलिए पैरेंट्स के साथ बच्चे भी आनंद उठा रहे हैं। मैं भी कोशिश कर रहा हूं कि जहां तक पॉसिबल हो रहा है, अपने परिवार के साथ ही समय बिताने की कोशिश कर रहा हूं।

डॉ। संजीव गुप्ता, फिजिशियन