-तापमान के अंतर से बेहाल, बढ़ता पाल्यूशन भी बना वजह, वायरल इंफेक्शन फैल रहा

-हॉस्पिटल्स आने वाले तीस से चालीस फीसदी मरीज सर्दी, जुकाम और बुखार से पीडि़त

ALLAHABAD: दिसंबर का महीना शुरू हो चुका है, लेकिन ठंड ने पूरी तरह से आमद नहीं दर्ज कराई है। हालांकि, रात को पारा लुढ़कने से जाड़े का एहसास हो रहा है। मौसम का यही उतार-चढ़ाव लोगों के लिए सिरदर्द बन चुका है। यह फ्लक्यूएशन लोगों को बीमार कर रहा है। हॉस्पिटल्स में सर्दी, जुकाम और बुखार के मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है। आंकड़ों पर जाएं तो हर तीसरा आने वाला मरीज वायरल इंफेक्शन से पीडि़त है।

खतरनाक है तापमान में अंतर

तापमान में लगातार हो रहा उतार-चढ़ाव वायरल इंफेक्शन को बढ़ावा दे रहा है। दिन में पारा 28 से 30 डिग्री सेल्सियस के बीच बना हुआ है। हालत यह है कि दिन तेज धूप व नमी के कारण शरीर से पसीना निकल रहा है तो रात में पारा काफी नीचे लुढ़क कर 15 से 18 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच रहा है। रात को ठंडी हवाएं चलने से वायरस को पनपने का भरपूर मौका मिल रहा है। यही कारण है कि पलक झपकते लोग सर्दी, जुकाम और बुखार के शिकार हो रहे हैं। डॉक्टर्स का मानना है कि नमी और ठंड के मिलाप से पहले से मजबूत हुआ वायरल इंफेक्शन की अवधि बढ़कर दो सप्ताह तक हो चुकी है।

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दीपावली के बाद बढ़ी संख्या

डॉक्टर्स मुताबिक, दीपावली के बाद अचानक मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है। धूल और गाडि़यों से निकले धुएं के अलावा पटाखे और आतिशबाजी से वातावरण विषैला हुआ है। जिससे लोगों को एलर्जी के चलते लंबी खांसी का सामना करना पड़ रहा है। दिसंबर के अंत तक तापमान में अधिक गिरावट होने से मरीजों की बढ़ती संख्या पर ब्रेक लग सकता है।

बचना है तो बरतें सावधानी

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-कामकाजी लोग सुबह निकलते वक्त ऊनी कपड़े कैरी करें

-देररात तक घर से बाहर खुले में न घूमें

-घनी आबादी और धूल वाली जगहों पर जाने से बचें

-वायरल डायरिया होने पर बच्चों को ओआरएस का घोल देने के साथ मां का दूध ही पिलाएं।

-ठंडे पानी और कोल्ड ड्रिंक्स आदि से दूरी बनाए रखें

-खुद डॉक्टर बनने से बचें, डॉक्टर से सलाह के बिना दवा न लें

दीपावली के बाद अचानक सर्दी, जुकाम, खांसी और बुखार के मरीज बढ़े हैं। दिन और रात के तापमान में बड़ा अंतर भी इसका बड़ा कारण है। लोगों को खुद एहतियात बरतनी होगी। इस बार मरीजों में होने वाले इंफेक्शन की मियाद भी पहले से ज्यादा बढ़ी हुई है।

डॉ। आशुतोष गुप्ता,

टीबी एंड चेस्ट फिजीशियन

-मौसम में बदलाव छोटे बच्चों पर कहर बनकर टूट रहा है। सर्दी-जुकाम के साथ बच्चे वायरल डायरिया का भी शिकार हो रहे हैं। माता-पिता को खुद के स्वास्थ्य के साथ बच्चों का ख्याल भी रखना चाहिए।

डॉ। मनीष चौरसिया,

पीडियाट्रिशन