LUCKNOW: शहर को साफ रखने के लिए दैनिक जागरण आई नेक्स्ट और रेडियो सिटी ने एक खास मुहिम 'बिन में फेंक' की शुरुआत की, जिसमें शहर के लोग बढ़-चढ़ कर शामिल हो रहे हैं। विभिन्न क्षेत्रों में खुले में पड़े कूड़े से उठने वाली दुर्गध के कारण लोग इनकी तस्वीरें हमें भेज रहे हैं। इन तस्वीरों में शहर के पॉश इलाकों में भी खुले में कूड़ा पड़ा हुआ नजर आ रहा है। सफाई के प्रति जागरुक लोगों का कहना है कि शहर भर में डस्टबिन की व्यवस्था हो, जिससे खुले में कूड़ा फेंके जाने पर रोक लगाई जा सके।

हर इलाके में डस्टबिन की कमी

राजधानी के विभिन्न क्षेत्रों से लोग कूड़े की तस्वीरें हमें वाट्सअप पर शेयर कर रहे हैं। इसमें शहर के वे इलाके भी शामिल हैं जो साफ सफाई के लिए पहचाने जाते हैं। इन इलाके में शहर का पॉश इलाका अलीगंज और कपूरथला भी शामिल हैं। यहां के लोगों ने तस्वीरें भेज कर खुले में पड़े कूड़े होने की जानकारी दी। लोगो का कहना है कि खुले में पड़े कूड़े के ढेर से जहां अपने घर में ही रहना दुश्वार हो गया वहीं इससे संक्रामक बीमारियों के फैलने का खतरा बना हुआ है। इतना ही नहीं, इन पर मंडराते जानवरों के कारण कई बार एक्सीडेंट होने से बच गया। इन जानवरों के चलते क्षेत्र में बुजुर्गो और बच्चों को तो पैदल चलना मुश्किल है। कई बार आवारा जानवरों बच्चों को चोटिल कर चुके हैं।

यहां पर नहीं है एक भी डस्टबिन

आलमबाग, चारबाग के साथ ही ट्रांसपोर्ट नगर से भी लोगों ने क्षेत्र में फैले कूड़े की फोटो हमें भेजी हैं। यहां के लोगों का कहना है जब तक यहां पर डस्टबिन की व्यवस्था नहीं होगी, तब तक लोग खुले में कूड़ा फेंकते रहेंगे। यदि यहां पर डस्टबिन की व्यवस्था हो जाए तो काफी हद तक खुले में फैला कूड़ा खत्म हो सकता है। लोगों ने दैनिक जागरण आई नेक्स्ट की मुहिम को एप्रीशियेट किया और कहा कि डस्टबिन की जरूरत शहर भर के इलाकों में है।

बॉक्स

कूड़े की फोटो हमें भेजे

यदि आपके आस-पास के इलाके में भी डस्टबिन नहीं है और कूड़ा खुले में फैलाया जा रहा है, उसकी पिक हमारे वाटसअप नंबर पर शेयर करें। पिक के साथ अपना नाम, पता और मोबाइन नंबर भी भेजें।

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757004511

कोट

इलाके में थोड़ी-थोड़ी दूर पर डस्टबिन लग जाए तो यहां पर खुले में कूड़ा फेंकने की समस्या कम हो सकती है। लोग उसमें कूड़ा डालेंगे, लेकिन डस्टबिन ना होने से आस-पास के लोग खुले में कूड़ा डाल देते हैं। इसके चलते इन पर दिन भर जानवर भी मंडराया करते हैं।

प्रमोद शर्मा

बासमंडी चौराहा

सफाई का अभियान तो हर तरफ चल रहा है, लेकिन इसके लिए कोई सार्थक पहल नहीं की जा रही है। जब तक सभी इलाकों में डस्टबिन की व्यवस्था नहीं होगी, लोग खुले में कूड़ा फेंकते रहेंगे। खुले में कूड़ा फेंका जाना तभी रुकेगा जब सभी इलाकों में डस्टबिन होंगे और लोग इनमें कूड़ा डालेंगे।

अमित

आलमबाग

शहर के अधिकांश इलाकों में खुले कूड़े के ढेर रोड के किनारे दिख जाएंगे। इन इलाकों में डस्टबिन की व्यवस्था नहीं है। ऐसे में लोग खुले में कूड़ा फेंकने को मजबूर हैं। खास बात यह है कि कूड़ा कलेक्ट करने के लिए आने वाले भी खुले में ही कूड़ा लगाकर चले जाते हैं। कूड़े को लेकर लोग शिकायत करते हैं लेकिन कोई सुनवाई नहीं होती।

सुमन राय

गीतापल्ली

शहर में सफाई व्यवस्था से लोग तभी जुड़ सकते हैं जब उन्हें इसके लिए बहुत अधिक परेशानी ना उठानी हो। रिहायशी इलाकों में डस्टबिन हो तो लोग उसमें कूड़ा डाल सकते हैं, लेकिन यदि आस-पास डस्टबिन नहीं होगा तो वे कहां कूड़ा डालेंगे।

इमरान

हजरतगंज