- घायल और मृतक की लिस्ट में तलाश कर रहे नाम

- जनरल बोगी में सवार लोगों का नहीं चल रहा पता

GORAKHPUR: हादसे के दूसरे दिन भी गोरखपुर स्टेशन पर अफरा-तफरी की स्थिति देखी गई। हादसे में 'अपनों' का हाल जानने के लिए होड़ मच रही। दूर दराज से आने वाले लोग घायलों की लिस्ट को चेक करते रहे तो कहीं यात्री मित्र से पूछताछ करते रहे। सबसे ज्यादा जनरल कोच में सवार लोगों के डिटेल जानने के लिए लोग परेशान रहे। गोरखपुर से खलीलाबाद और बस्ती के चक्कर लगाते रहे।

लापता रिश्तेदार का नाम लिस्ट में नहीं

लुम्बनी रूपनदेही निवासी संतठीक साहनी हादसे के दिन गोंडा में था और वापसी के लिए गोरखधाम एक्सप्रेस से चढ़ा था। हादसे के चौबीस घंटे बीतने के बाद भी जब वह घर नहीं पहुंचा परिवार वालों ने उसकी तलाश शुरू की। आनंद नगर निवासी संतठीक के रिश्तेदार पंचराम साहनी उसकी तलाश में गोरखपुर रेलवे स्टेशन पर भटकते रहे। प्लेटफार्म नंबर एक पर लगी घायलों की सूची में नाम तलाश करता रहे। न मिलने पर यात्री मित्र कार्यालय के चक्कर काटते रहे। यहीं हाल अवधेश कुमार का भी था। अपनों की तलाश में भटक रहे परिवार को जब गोरखपुर में सफलता नहीं मिली तो उन्हें संत कबीर नगर और बस्ती के लिए रवाना कर दिया गया।

जनरल बोगी में सवार लोगों की डिटेल नहीं

ट्रेन हादसे के शिकार हुए कई पैसेंजर्स के परिजन आज भी अपने की सही सलामत होने और उसकी जानकारी के लिए भटक रहे है। हादसे में एसी और स्लीपर क्लास के पैंसेंजर्स के नाम और पते की डिटेल तो रेलवे के पास है, लेकिन जनरल बोगी में सवार कई लोगों की जानकारी तक नहीं है। जनरल बोगी में सवार कई पैसेंजर अभी भी अपने परिजनों से संपर्क नहीं कर सके। जिसके चले दूर-दराज से उनके परिजन तलाश में भटक रहे है। जनरल में सवार पैसेंजर्स की डिटेल रेलवे के पास भी नहीं है। संत कबीर नगर, बस्ती, गोरखपुर डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल और मेडिकल कालेज में कई घायल ऐसे भी है उनके नाम और पता अभी तक सामने नहीं आ सका है।