- केजीएमयू लखनऊ के ब्लड एंड ट्रांसफ्यूजन डिपार्टमेंट की रिसर्च में हुआ खुलासा

- स्वास्थ विभाग को भेजी रिपोर्ट, प्लेटलेट्स डोनेट नहीं कर पाएंगे सिगरेट पीने वाले लोग

मोहित शर्मा

Meerut। एक ओर जहां मोटापे और स्मोकिंग के अन्य कई नुकसान हैं, वहीं इसका सीधा उनकी ब्लड प्लेटलेट्स पर पड़ रहा है। स्मोकर्स और मोटे लोगों की प्लेटलेट्स की क्वालिटी खराब होने लगती है। केजीएमयू लखनऊ के ब्लड एंड ट्रांफ्यूजन विभाग की एक रिसर्च ने यह खुलासा किया है। डिमार्टमेंट से इसकी रिपोर्ट स्वास्थ विभाग के साथ मेरठ मेडिकल को भेजी गई है।

ऐसे हुई रिसर्च

मोटापा और स्मोकिंग लोगों के प्लेटलेट्स की क्वालिटी को खराब कर रही है। इसका खुलासा केजीएमयू लखनऊ के ब्लड एंड ट्रांफ्यूजन विभाग की एक हाल ही में हुई रिसर्च में किया गया है। दरअसल, विभाग ने 287 लोगों के ब्लड सैंपल लेकर रिसर्च शुरू की थी। जिनमें से 100 लोगों की ब्लड रिपोर्ट सामने आ चुकी है। इनमें से 50 लोगों की ब्लड प्लेटलेट्स का लेवल काफी डाउन पाया गया है। रिसर्च में हुए इस खुलासे के बाद विभाग ने मोटे और स्मोकिंग करने वालों के ब्लड डोनेशन पर सवालिया निशान लगाया है। विभाग की ओर से इसकी रिपोर्ट स्वास्थ मंत्रालय को भेजी गई है। जबकि मेरठ मेडिकल को रिसर्च की रिपोर्ट भेजकर सजग किया गया है।

तेजी से गिर रही प्लेटलेट्स

दरअसल, रिपोर्ट में सामने आया है कि ऐसे लोगों को ब्लड मरीजों को चढ़ाने के बाद कोई परिणाम नहीं दिखा रहा। रिपोर्ट को मुताबिक मरीज को एक यूनिट ब्लड चढ़ाने पर अमूमन 80 हजार से एक लाख तक प्लेटलेट्स का इजाफा होता है। जबकि स्मोकर्स और मोटे लोगों का ब्लड मरीज को चढ़ाने पर केवल 20 से 30 हजार प्लेटलेट्स का ही बढ़ोतरी ही हो पा रही है। ऐसे में मरीज को आवश्यकता से अधिक ब्लड चढ़ाने की नौबत आ रही है।

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क्या है प्लेटलेट्स

ब्लेटलेट्स एक विशेष प्रकार की ब्लड सेल होती है, जो खून बहने पर खून के थक्के जमाती है। यह घायल व्यक्ति के खून बहने से रोकने में सहायता करती है। मेडिकल साइंस में इसको थ्राम्बोसाइट या ब्लड क्लॉट सेल भी कहा जाता है। मेडिकल के ब्लड बैंक प्रभारी डॉ। सचिन ने बताया कि बक एक स्वास्थ व्यक्ति के शरीर में दो से छह लाख तक प्लेटलेट्स होती हैं।

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ये है ब्लड बैंक

-मेडिकल हॉस्पिटल

-जिला अस्पताल

-सुशीला जसवंतराय

-धनवंतरी हॉस्पिटल

-केएमसी हॉस्पिटल

-संजीवनी हॉस्पिटल

-लोकप्रिय हॉस्पिटल

-कैलाशी हॉस्पिटल

केजीएमयू की रिसर्च रिपोर्ट प्राप्त हुई है। अब ऐसे व्यक्तियों का ब्लड लेने से परहेज किया जाएगा। इस संबंध में स्वास्थ मंत्रालय से स्पष्ट दिशा निर्देश भी मांगे जाएंगे।

-डॉ। नितिन यादव, ईएमओ मेडिकल