JAMSHEDPUR: कोरोना वायरस को लेकर प्रधानमंत्री द्वारा घोषित देशव्यापी लॉकडाउन के दूसरे दिन गुरुवार को सड़कों-बाजारों में भीड़ कम दिखी। यही नहीं, दुकानों में खाने-पीने के सामान भी सस्ते हो रहे हैं। साकची, काशीडीह, मानगो व जुगसलाई बाजार में आलू 25 और प्याज 30 रुपये किलो तक बिका। हरी सब्जियों के दाम भी काफी कम हुए हैं। टमाटर 10 रुपये किलो और दो दिन पहले 80 रुपये बिकने वाला करेला 30 रुपये पर आ गया। गर्मी के सीजन में नया-नया उतरा तरबूज भी 20 रुपये किलो बिका। राशन दुकानों में आटे की कमी अब भी दिख रही है, लेकिन बाकी चीजें नियंत्रित रहीं।

दुकानदारों और लोगों का भी कहना है कि बाजार की स्थिति में इतना सुधार नहीं होता, यदि उपायुक्त ने होम डिलीवरी सिस्टम शुरू नहीं किया होता। गुरुवार को इसका बाजार पर काफी असर हुआ है। शहरवासियों को भी इस बात का सुकून मिला है कि अब उन्हें घर बैठे आवश्यक वस्तुएं मिल जाएंगी। इससे शहर में उपायुक्त रविशंकर शुक्ला की एक अलग छवि भी बनी है, लेकिन उनकी छवि बिगाड़ने में उनके ही अधिकारी व पुलिसकर्मी जुटे हैं। गोलमुरी बाजार में जिला आपूíत पदाधिकारी नवीन कुमार ने खुद जाकर दोपहर एक बजे राशन की दुकानें बंद करा दीं। दुकानदार डीसी का आदेश दिखाते रहे, लेकिन उन्होंने एक नहीं सुनी। इसी तरह बिष्टुपुर बाजार में बिष्टुपुर थाना की पुलिस ने फल की तीन दुकानों को लाठी मारकर बंद करा दिया। पूरे बाजार में फल की यही तीन दुकानें खुली थीं। एक दुकानदार ने दैनिक जागरण में छपा डीसी का आदेश दिखाया, तो उसके हाथ पर ही सिपाही ने लाठी चला दिया। इससे भी मजे की बात कि बिष्टुपुर थाना के सामने पेट्रोल पंप से सटे मेन रोड पर फल के ठेले धड़ल्ले से चल रहे थे।

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फल दुकानें दिन भर चलती रहीं

साकची बाजार में फल व सब्जी के साथ राशन की दुकानें दिन भर खुलीं। काशीडीह में रामलीला मैदान के आसपास फल व सब्जी की दुकानें चलती रहीं। एमजीएम अस्पताल के सामने भी फल की दुकानें लगीं, तो मानगो चौक पर भी सड़क किनारे सब्जी की दुकानें चलीं। अन्य इलाकों में भी राशन व सब्जी की दुकानें खुली रहीं। दाम भी काफी कम हुए हैं, जिससे वैसे लोग ठगा हुआ महसूस कर रहे थे जो दो दिन पहले दोगुने-तिगुने दाम पर सामान खरीद लाए थे। उम्मीद है कि शुक्रवार को दाम और भी कम होंगे। उपायुक्त रविशंकर शुक्ला ने मंगलवार को ही आदेश जारी किया था कि राशन समेत आवश्यक वस्तुओं के दुकानों के लिए कोई समयसीमा तय नहीं की गई है, वे अपनी क्षमता के अनुसार जब तक चाहें दुकान खोल सकते हैं।

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होम डिलीवरी सिस्टम चरमराया, पांच फीसद भी नहीं दे पाए सेवा

होम डिलीवरी के लिए तमाम मॉल व बड़े विक्रेताओं के फोन व वाट्सएप नंबर जारी किए थे। इससे लोग नि¨श्चत तो हुए, लेकिन सिस्टम उस तरह से काम नहीं कर सका, जैसा सोचा गया था। एक बड़े मॉल के संचालक ने बताया कि उन्हें शाम चार बजे तक करीब 700 वाट्सएप मैसेज आए, जिसमें से वे महज 25 लोगों के यहां ही सामान की डिलीवरी कर सके। सबसे ज्यादा परेशानी इस बात से हुई कि जिन-जिन लोगों ने वाट्सएप मैसेज किया था, वही लोग फोन कॉल भी कर रहे थे। इसकी वजह से वे मैसेज पढ़ ही नहीं पा रहे थे।

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पुलिस ने दूध की गाडि़यों को भी रोका, बाधित हुई आपूíत

आवश्यक वस्तुओं की सेवा के लिए केंद्र व राज्य सरकार के साथ उपायुक्तों ने भी विशेष छूट देने का आदेश जारी किया है, लेकिन गुरुवार को दूध की गाड़यिों को भी रोका गया। इसकी वजह से शहर व आसपास में दूध की आपूíत बाधित रहीं। सुधा डेयरी के मुख्य कार्यपालक देवव्रत कुंडू ने बताया कि गुरुवार को गम्हरिया स्थित प्लांट से जमशेदपुर जा रही दूध की गाड़यिों को खरकई पुल पर पुलिस ने रोका। काफी मिन्नत के बाद कुछ गाड़यिों को छोड़ा गया, जिसकी वजह से सुबह में मात्र 30 हजार लीटर दूध की आपूíत हो सकी। शाम को 70 हजार लीटर दूध भेजने की तैयारी है, जो कुल क्षमता का आधा है।

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दूध काउंटरों को बंद करा दे रही पुलिस

चाय दुकान व होटलों के बंद होने से दूध की खपत भी काफी कम हो गई है। जमशेदपुर की पुलिस दूध की दुकानों-काउंटरों को भी बंद करा दे रहे हैं, जिससे लोगों को दूध नहीं मिल पा रहा है। गुरुवार को उन्होंने पूर्वी सिंहभूम के उपायुक्त रविशंकर शुक्ला से इस संबंध में विस्तृत बात की है, उन्होंने आश्वस्त किया है कि दूध की गाड़यिों को शुक्रवार को पास उपलब्ध करा दिया जाएगा। कुंडू का कहना है कि यहां पुलिस की कौन कहे, कई अधिकारी कफ्र्यू और लॉकडाउन का मतलब ही नहीं समझ रहे हैं।