- देवी मंदिरों में पुजारियों ने की पूजा-अर्चना

GORAKHPUR: चैत्र नवरात्र के दूसरे दिन गुरुवार को श्रद्धालुओं ने मां भगवती के द्वितीय स्वरूप ब्रहृाचारिणी माता की आराधना की। इस दौरान कोरोना वायरस के कारण भक्त मंदिर नहीं जा सके और घरों में ही पूजन-अर्चना किया। सभी ने कोरोना के खिलाफ छीड़ी जंग में विजय की कामना की। कोरोना वायरस से बचाव को लेकर हुए लॉकडाउन में शहर के सभी मंदिर बंद हैं। ऐसे में दूसरे दिन देवी मंदिर के पुजारियों ने शहर के गोलघर काली मंदिर, दाउदपुर काली मंदिर, कालीबाड़ी रेती चौक, शीतला मठिया जाफरा बाजार, शीतला माता मंदिर चौरहिया गोला, विंध्वासिनी मंदिर मेडिकल रोड, मंगला माता मंदिर बेतियाहाता, हठ्ठी माता मंदिर मियांबाजार, काली मंदिर शाहपुर, दुर्गा मंदिर अशोक नगर आदि मंदिरों मे विधि विधान से मां ब्रहृाचारिणी की आराधना कर मां से कोरोना से बचाव के लिए प्रार्थना की।

आज होगी मां चंद्रघंटा की आराधना

वासंतिक नवरात्र के तीसरे दिन मां चंद्रघंटा की आराधना होगी। उनके ललाट पर घंटा के समान गोलाकार चंद्रमा विद्यमान है। ज्योतिषाचार्य शरद चंद्र मिश्रा ने बताया कि उनकी पूजा से दिव्य शक्ति की प्राप्ति होती है। पाप नष्ट हो जाते हैं। मां की साधना करने वाले सिंह के समान पराक्रमी और निर्भर रहते हैं।

दुर्गा सप्तशती का हुआ पाठ

नवरात्र के दूसरे दिन गुरुवार को गोरखनाथ मंदिर में मां ब्रहृाचारिणी की पूजा की गई। सुबह ही पूजा-अर्चना के बाद 11 वेद पाठी ब्राहृाणों ने दुर्गा सप्तशती का पाठ शुरू किया। पाठ आवास परिसर में स्थापित शक्तिपीठ के साथ ही गोरखनाथ मंदिर परिसर में स्थापित दुर्गा मंदिर में भी किया गया।

कोरोना प्रभाव को खत्म करने के लिए मानस पाठ

गोरखनाथ मंदिर में 24 मार्च से शुरू हुआ रामचरित मानस पाठ तीसरे दिन भी जारी रहा। मानस पाठ दो अप्रैल तक चलेगा। गोरखनाथ मंदिर के प्रधान पुजारी योगी कमलनाथ ने बताया कि मानस पाठ का आयोजन कोरोना के प्रभाव को खत्म करने के लिए किया गया है। मानस पाठ के बाद यज्ञशाला में यज्ञ किया गया। वेद पाठी ब्राहृाणों ने यज्ञ सामग्री डालकर आहुति की।