-भाजपा, सपा-बसपा और कांग्रेस सहित एक निर्दलीय को मिले नोटा से अधिक वोट

PRAYAGRAJ: प्रयागराज की दोनों सीटों पर नोटा कुल 21 प्रत्याशियों पर भारी रहा. चुनाव में नोटा का मतलब नन आफ द एबव होता है. कोई भी प्रत्याशी पसंद नहीं आने पर वोटर इस ऑप्शन को चूज कर सकता है. इलाहाबाद और फूलपुर सीट पर केवल सात प्रत्याशी ही नोटा से आगे निकल पाए. आंकड़े बताते हैं आने वाले समय में प्रत्याशियों को विरोधी दलों के अलावा नोटा से दो-दो हाथ करने को तैयार रहना होगा.

इलाहाबाद सीट पर बनाई बढ़त

इलाहाबाद लोकसभा में भाजपा, कांग्रेस, सपा-बसपा छोड़कर निर्दलीय गिरधर गोपाल त्रिपाठी ही नोटा से अधिक वोट पाने में सफल रहे. इस सीट पर 7625 वोटर्स ने नोटा का ऑप्शन चुना था. पिछले लोकसभा चुनाव की बात करें तो इलाहाबाद संसदीय सीट पर 3621 वोट ही नोटा को मिले थे. आइए जानते हैं कि लोकसभा में किस विधानसभा में पड़े कितने नोटा वोट..

मेजा- 1357

करछना- 1425

दक्षिणी- 737

बारा- 1976

कोरांव- 2115

कुल नोटा वोट- 7625

फूलपुर में घट गए नोटा के वोट

इस संसदीय सीट पर इस बार 7882 वोटर्स ने नोटा का बटन दबाया है. जबकि 2014 लोकसभा चुनाव में इस सीट को अधिक नोटा वोट 8424 मिले थे. देखा जाए तो चुनाव में भाजपा, सपा-बसपा और कांग्रेस को ही नोटा से अधिक वोट मिले. जो नोटा से पीछे थे वह अपनी जमानत तक नहीं बचा पाए.

फाफामऊ- 1707

सोरांव- 1772

फूलपुर- 1721

पश्चिम- 1398

उत्तर- 1264

कुल नोटा वोट- 7882