1 . यहां ये हुई शुरुआत

16 फरवरी 1978 को मुंबई में पैदा हुए थे वसीम। जन्म के कुछ ही सालों बाद बहुत कम उम्र में ही बल्ले पर इनका टैलेंट लोगों को साफ नजर आने लगा। कई लोग तो इनकी बैटिंग स्टाइल को देखकर इन्हें पूर्व भारतीय कप्तान मोहम्मद अजहरुद्दीन की कार्बन कॉपी तक बुलाते थे। 15 साल की उम्र में क्रिकेट में उनके इंट्रेस्ट और काबिलियत को देखते हुए स्कूल की ओर से इन्हें बॉम्बे की ओर से घरेलू क्रिकेट में खेलने का मौका दिया गया।

2 . चुना गया रणजी ट्रॉफी के लिए

महज 16 साल की उम्र में वसीम को रणजी ट्रॉफी खेलने के लिया चुना गया। ये अभी तक के सबसे कम उम्र में क्रिकेट की दुनिया में उतरने का रिकॉर्ड रहा है। उनके बराबर के युवा खिलाड़ी जहां एक ओर फील्ड पर आक्रामक शॉट्स खेलने पर विश्वास रखते हैं वहीं जाफर की बैटिंग टेक्निक बिल्कुल अलग है।

3 . ट्रिपल सेंचुरी का रिकॉर्ड

जाफर के मुंबई की ओर से दूसरे घरेलू क्रिकेट में खेलने के दौरान इनको पहली रणजी ट्रॉफी क्रिकेट में खेलने का मौका मिला। उस समय इन्होंने ट्रिपल सेंचुरी मारकर अपने साथ के सभी खिलाड़ियों को चौंका कर रख दिया था। अपने साथ के खिलाड़ियों में ऐसा करने वाले जाफर पहले क्रिकेटर बने। इस मैच में इन्होंने 314 रन बनाए थे। यही नहीं इन्होंने पार्टनर सुलकशान कुलकर्णी के साथ मिलकर 459 रनों का स्कोर खड़ा किया। बतौर पहले ओपनिंग पेयर पार्टनरशिप में इनके 400 से ज्यादा रन बनने का ये दूसरा रिकॉर्ड था।  

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4 . टेस्ट सीरीज की शुरुआत   

जबरदस्त डॉमेस्टिक परफॉर्मेंस देने के बाद जाफर को सन 2000 में पहली बार मौका मिला इंडिया की ओर से टेस्ट क्रिकेट खेलने का। उन्होंने अपने कॅरियर का पहला टेस्ट मैच साउथ अफ्रीका के खिलाफ 24 फरवरी सन 2000 को खेला था।

5 . टेस्ट की शुरुआत नहीं रही अच्छी

अपने होम ग्राउंड वानखेड़े स्टेडियम में खेलने के बावजूद इस मैच में जाफर उम्मीदों के मुताबिक चौवे और छक्के लगा पाने में नाकाम रहे। नतीजा ये रहा है कि 4 विकेट के साथ साउथ अफ्रीका की टीम मैच जीत गई। पहले ही मैच में उनका ऐसा रिस्पॉन्स देख अगले दो साल तक जाफर को कोई और मैच खेलने का मौका नहीं मिला। करीब दो साल लग गए उन्हें इंडियन टीम में एक नए फॉर्म के साथ इंटरनेशनल मैच में वापसी करने में।    

वसीम जाफर को लोग मोहम्‍मद अजहरुद्दीन की कार्बन कॉपी बुलाने लगे थे

6 . मौका मिला इंग्लैंड जाने का

2013 में 35 साल की उम्र में LDCC लीग का प्रतिनिधित्व करने के लिए जाफर को मौका मिला इंग्लैंड जाने का। हालांकि इससे पहले कभी इन्होंने काउंटी क्रिकेट नहीं खेला, इसके बावजूद इंग्लैंड में इनका प्रदर्शन जबदरस्त रहा। यहां इन्होंने 153 रनों का सबसे बड़ा स्कोर बनाया।

7 . हुई घुटने की इंजरी

2014 में इनके कॅरियर एक बेहद खतरनाक दौर से गुजरा। ये वो वक्त था जब उनके घुटने में जबरदस्त चोट आई। ट्रीटमेंट के लिए इनको इंडिया लौटना पड़ा।

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8 . खेले फर्स्ट क्लास मैच

जाफर ने अपने कॅरियर में कुल 222 फर्स्ट क्लास मैच खेले। इन मैच में इन्होंने 50.88 के औसत पर कुल 16,842 रन बनाए।

9 . मुंबई टीम के लिए हमेशा तैयार

इंग्लैंड से लौटने के बाद वसीम जाफर 2014 में मुंबई से विदर्भ आ गए। इसके बावजूद इन्होंने मुंबई क्रिकेट के लिए खेलना कभी बंद नहीं किया। 18 साल तक वह मुंबई क्रिकेट के लिए खेलते रहे।

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10 . रणजी ट्रॉफी में किया कमाल

जाफर ने 2008-09 सीजन में हुए रणजी ट्रॉफी मैच में 1260 रनों का स्कोर खड़ा किया। इस सीजन में सबसे ज्यादा रन बनाने के मामले में वह दूसरे खिलाड़ी बने। इसके साथ ही IPL के उद्घाटन सत्र में इन्होंने रॉयल चैलेंजर्स टीम का प्रतिनिधित्व किया।

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