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AGRAबिगड़ी लाइफ स्टाइल, खानपान की अनदेखी आदि इसकी वजह हो सकते हैं। सदर स्थित होटल क्लार्क शिराज में इंटरवेंशन कॉर्डियोलॉजी सोसायटी द्वारा आयोजित दो दिवसीय नेशनल कॉन्फ्रेंस में कुछ ऐसे ही कारण बताए गए, जिनकी अनदेखी के चलते लोग हार्ट अटैक समेत अन्य गंभीर हृदय रोग के शिकार हो जाते हैं। साथ ही एक्सप‌र्ट्स ने इनसे बचने के उपाय भी बताए।

महिलाएं ज्यादा है हार्ट डिजीज से प्रभावित
मेदांता हॉस्पिटल, गुड़गांव के सीनियर सीवीटीएस सर्जन डॉ। अनिल भान ने बताया कि महिलाओं में हार्ट की बीमारियां तेजी से बढ़ी हैं। महिलाएं अपने शरीर और हेल्थ के उतना कॉन्शियस नहीं है, जितना पुरुष हैं। हार्ट की समस्याओं को पैदा करने में बढ़ता वजन, डायबिटीज, हाइपरटेंशन और हाई बीपी सबसे मुख्य कारण बने हुए है। बिगड़ी लाइफ स्टाइल, देर रात पार्टी, जंक फूड हार्ट की समस्याओं को पैदा कर रही है।

20 साल के युवा भी हार्ट अटैक के शिकार
मेरठ के न्यूटेमा हॉस्पिटल से आए सीनियर कंसल्टेंट इंटरवेंशन कार्डियोलॉजिस्ट डॉ। हरिराज तोमर ने कहा आज 20 साल तक के युवाओं में हार्ट अटैक हो रहा है। जिसका मेन कारण स्मोकिंग, स्ट्रेस, जंक फूड और असंतुलित लाइफ स्टाइल है। दुख की बात यह है कि आज भी लोगों में पर्याप्त जानकारी नहीं है। हार्ट अटैक के लक्षण जैसे धड़कनों का तेज हो जाना, छाती के बीचोंबीच तेज दर्द होना, उल्टी, घबराहट होना हार्ट अटैक आने के सामान्य लक्षण है। इन लक्षणों के महसूस होने पर व्यक्ति को डॉक्टर को दिखाना चाहिए।

डिजिटल एप्स करते है हमें मोटिवेट
दिल्ली के अपोलो हॉस्पिटल के सीनियर कंसल्टेंट इंटरवेंशन कार्डियोलॉजिस्ट डॉ। राजीव राजपूत ने कहा कि ईसीजी करना, और इसकी रिपोर्ट को समझने के लिए पर्याप्त डॉक्टर उपलब्ध नहीं है। लोग को एक दो अटैक आने के बाद भी उसे सीरियस नहीं लेते है। एक अटैक आने के बाद नेचुरल तरीके से सर्ववाइव कर लेते है। वह ब्लाकेज अंदर ही अंदर पनपता रहता है, जिसका समय पर ट्रीटमेंट न होने पर वह जानलेवा भी हो जाता है। उन्होंने बताया कि आज कल लोग टेक्नोलॉजी से जुड़कर खुद को फिट करने का प्रयास कर रहे हैं। डिजिटल वॉच, एप्स आदि मोटीवेशनल हैं, जो हमें फिट रखने के लिए मोटिवेट करती हैं। इन पर पूरा विश्वास नहीं किया जा सकता, लेकिन हां यह हमें सही गलत करने का समय-समय पर आभास कराती रहती हैं।