-केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन के आह्वान पर देश भर में रहे मेडिकल स्टोर बंद

-शहर के व्यापारियों को लगा करोड़ों का फटका

Meerut: मरीजों व उनके परिजनों के लिए 14 अक्टूबर का दिन परेशानियों भरा रहा। केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट ऐसोसिएशन की हड़ताल के चलते दिन भर लोग दवाई के लिए भटकते दिखाई दिए। बुधवार को जहां एक ओर मरीज परेशान दिखे, वहीं दवा व्यापारियों के चेहरे भी मुरझाए रहे। अकेले मेरठ शहर से ही रिटेलर और थोक विक्रेताओं को मिलाकर करोड़ों रुपए का नुकसान हुआ है।

फार्मासिस्ट की अनिवार्यता का विरोध

मेरठ केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट ऐसोसिएशन के महामंत्री रजनीश कौशल ने बताया कि एसोसिएशन द्वारा रिटेल में फार्मासिस्ट की अनिवार्यता और ऑनलाइन दवा बिक्री के विरोध में देश व्यापी हड़ताल किया गया। उनका कहना था कि देश में आठ लाख केमिस्ट हैं और फार्मासिस्टों की संख्या मात्र 15 से बीस हजार है, तो केन्द्र सरकार की नीति कैसे कामयाब हो सकती है।

ढाई करोड़ का कारोबार प्रभावित

मेरठ जनपद की अगर बात करें तो थोक विक्रेता और रिटेलर मिलाकर 3400 मेडिकल स्टोर हैं। बताया गया कि बुधवार की बंदी से अकेले मेरठ जनपद को ढाई से तीन करोड़ का फटका लगा है। वहीं पूरे यूपी में 70 हजार व देश में आठ लाख केमिस्ट हैं।

इन्हें रखा गया बंद से बाहर

-हॉस्पिटलों में खुले मेडिकल स्टोर

- शिक्षण संस्थानों की डिसपेंसरी

- सरकारी अस्पताल व मेडिकल कॉलेज आदि को बंदी में शामिल नहीं किया गया है।

दिखाया बंदी को ठेंगा

शहर में कुछ स्थानों पर मेडिकल स्टोर संचालकों ने एसोसिएशन की बंदी के आह्वान को ताक पर रख जमकर रुपया बटोरा। वेस्टर्न कचहरी रोड व खैरनगर में कुछ मेडिकल स्टोर खुले दिखाई दिए।

पिताजी कई दिनों से बीमार हैं। शहर के मिमहेन्स हॉस्पिटल में उपचार चल रहा है। जिन दवाईयों को डॉक्टर ने बाहर से मंगाया था। बंदी के चलते पूरे शहर की खाक छानने पर भी नहीं मिली। जिससे काफी परेशानी उठानी पड़ी।

अमन कुमार, तीमारदार

रात से ही कोल्ड व सर दर्द से पीडि़त हूं। सोचा था सुबह उठकर दवाई ले लूंगी, लेकिन सुबह कई मेडिकल स्टोर पर चक्कर काटे, लेकिन सब पर ताला लटका मिला। केमिस्ट को कभी हड़ताल का हिस्सा नहीं बनना चाहिए।

रीना पटेल, समाज सेवी

दवाई की हर मिनट किसी न किसी को जरूरत होती है। हड़ताल के चलते मेडिकल स्टोर बंद होने से बहुत परेशानी उठानी पड़ी।

रोहन बंसल, स्टूडेंट