पेट्रोल कंपनियों की मनमानी जारी, नहीं मिल रही लोगों को राहत

डीलर्स भी हैं तंग, लगातार दे रहे हैं हड़ताल की धमकी

ALLAHABAD: पेट्रोल की कीमतें कम होने का नाम ही नहीं ले रही हैं। खासकर जबसे रोजाना पेट्रोल के दाम तय होने लगे, तब से तो मुश्किल और बढ़ गई है। आलम यह है कि आम जनता के साथ-साथ डीलर्स भी सरकार और कंपनियों की मनमानी से तंग आ चुके हैं। मंगलवार को दैनिक जागरण-आई नेक्स्ट रिपोर्टर ने शहर में जब विभिन्न पेट्रोल पंपों पर लोगों से बात की तो हर किसी ने बस यही कहा, पेट्रोल के दाम में तो आग लग गई है

71 रुपए से नीचे गया ही नहीं

पेट्रोल की कीमतें किस तरह से लोगों की जेब को चूना लगा रही हैं। इसका एग्जाम्पल सामने हैं। पिछले पंद्रह दिनों के भीतर एक बार भी पेट्रोल 71 रुपए प्रतिलीटर से नीचे नहीं आया। यहां तक कि छह दिन पहले पेट्रोल की कीमतें 80 रुपए तक पहुंच गई थीं। इससे चारों ओर हाहाकार मच गया था। मंगलवार को एक बार फिर पेट्रोल 72 रुपए प्रतिलीटर से अधिक था।

जिले में 15 दिनों में पेट्रोल की कीमत

डेट (पेट्रोल की कीमत रुपए प्रतिलीटर)

4 सितंबर 71.91

5 सितंबर 71.95

6 सितंबर 71.95

7 सितंबर 72.02

8 सितंबर 72.09

9 सितंबर 72.02

10 सितंबर 72.41

11 सितंबर 72.41

12 सितंबर 72.47

13 सितंबर 72.47

14 सितंबर 72.48

15 सितंबर 72.52

16 सितंबर 72.55

17 सितंबर 72.58

18 सितंबर 72.58

19 सितंबर 72.59

इस साल दो बार सस्ता हुआ पेट्रोल

2017 में 15 मई को पेट्रोल की कीमत में 2.16 रुपए और 31 मार्च को 3.77 रुपए की कमी की गई थी। इसके बाद से लगातार पेट्रोल के दाम बढ़े ही हैं। लोगों को राहत नहीं मिली। एक्सप‌र्ट्स कहते हैं कि सरकार चाहे तो पेट्रोल की कीमत 40 रुपए तक पहुंच सकती है क्योंकि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चा तेल काफी सस्ता है। लेकिन, सरकार तमाम तरह के टैक्स लगाकर पेट्रोल की कीमत बढ़ा देती है।

ऐसे बढ़ती है कीमत

- कच्चे तेल की कीमत और डॉलर-रुपया विनिमय दर को देखें तो ऑयल कंपनियां रिफाइनरियों से 26.65 रुपए प्रति लीटर में तेल खरीदती हैं।

-4.05 रुपए प्रति लीटर के हिसाब से केंद्र सरकार एक्साइज ड्यूटी और वैट वसूलती है। अब कीमत हो जाती है 30.70 रुपए।

-फिर 21.48 रुपए प्रति लीटर के हिसाब से अतिरिक्त एक्साइज ड्यूटी वसूली जाती है। टैक्स के साथ पेट्रोल की कीमत बढ़कर 51.19 रुपए हो जाती है।

-3.23 रुपए प्रति लीटर डीलर का कमीशन होता है। कमीशन के बाद पेट्रोल का दाम बढ़कर 54.42 रुपए प्रति लीटर हो जाता है।

- इसके बाद राज्य सरकारें वैट लगाकर तेल की कीमतों में बेतहाशा वृद्धि करती हैं। इसके चलते इलाहाबाद में तेल 72 रुपए से अधिक महंगा हो जाता है।

डीलर्स को भी हो रहा नुकसान

डीलर्स का कहना है कि पब्लिक के साथ उनको भी नुकसान का सामना करना पड़ रहा है। कंपनियां उनकी मांगों पर ध्यान नही दे रही हैं। डीलर्स का कहना है कि उन्हें टेंपरेचर के हिसाब पेट्रोल सप्लाई किया जाए। अक्सर गर्मियों में तेल उड़ जाता है जिसकी भरपाई उन्हें करनी पड़ती है। डीलर्स कंपनियों द्वारा जबरन अधिक कर्मचारी पंप पर नियुक्त किए जाने के आदेश का भी विरोध कर रहे हैं।

पेट्रोल एक और दाम तीन

जीहां, पेट्रोल तो एक ही है, लेकिन शहर में अलग-अलग कंपनियों के पेट्रोल के दाम भी अलग-अलग हैं। एग्जांपल के लिए मंगलवार को शहर में इंडियन ऑयल के पेट्रोल की कीमत 72.59 रुपए, भारत पेट्रोलियम द्वारा 72.49 रुपए और हिंदुस्तान पेट्रोलियम प्रति लीटर 72.54 रुपए प्रतिलीटर की कीमत वसूल रहा था। गौरतलब है कि यह तीनों सादे पेट्रोल का रेट है।

पेट्रोल के दामों में जरा सी भी राहत नही मिल पा रही है। अब तो लगता है कि स्कूटी छोड़कर रिक्शे से चलना होगा।

-गायत्री मिश्रा

जब तक रोजाना पेट्रोल के दाम तय नही होते थे, तब तक सरकार इसे सस्ता भी कर देती थी। लेकिन जब से रोजाना दाम तय होने लगे, हाल बेहाल हो गया है।

-मोहित वर्मा

सरकार को इस ओर सोचना होगा। सरकार अब टैक्स कम करे तो पब्लिक को राहत मिल सकती है। वैसे भी कच्चा तेल काफी सस्ता है, लेकिन क्या फायदा।

-जय प्रकाश

टेम्परेचर के हिसाब से कंपनियों द्वारा तेल की डिलीवरी की जाए। गर्मियों में डीलर्स का काफी नुकसान होता है। तेल हवा में उड़ जाता है। इसकी भरपाई डीलर्स को करना पड़ता है।

-शशांक वत्स, डीलर

हमारी चार सूत्रीय मांगे हैं जिनको लेकर पिछले दिनों कंपनियों के साथ बैठक की गई थी। इस बैठक के मिनट्स हमें नही मिल रहे हैं, जबकि कंपनियों ने मांगें मानी जाने का आश्वासन दिया था।

-रोहित केसरवानी, डीलर व पेट्रोल डीजल डीलर एसोसिएशन सचिव