कच्चे तेल की कीमतों में इजाफा
कल आम बजट पेश होने के बाद ही शाम को पेट्रोलियम कंपनियों ने पब्िलक को जोरदार झटका दिया है. बजट पेश होने के चार घंटों के भीतर ही पेट्रोल व डीजल के दाम लगभग तीन रुपए बढ़ा दिये गये. बढ़ी हुयी कीमते आधी रात से लागू हो चुकी हैं. हालांकि मूल्य वृद्धि के पीछे सरकारी तेल कंपनियों की दलील है कि अंतरराष्ट्रीय तेल बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में इजाफा हो रहा है. उनका कहना है कि रुपये में आई कामजोरी के चलते पेट्रोल व डीजल की कीमतों में बढ़ोत्तरी हुई है. तेल कंपनियों के अनुसार क्रूड ऑयल के दाम एक महीने में 18 फीसदी का इजाफा हुआ है.जो अन्य सालों की अपेक्षा सबसे अधिक है. जिससे मजबूरी में ये दाम बढ़ाये गये. सबसे खास बात तो यह है कि पिछले एक महीने में यह दूसरा मौका है जब तेल की कीमतें बढ़ी हैं.

परिवहन, ट्रांसपोटेशन पर महंगा होगा
इससे पहले 16 फरवरी को ही सरकारी तेल कंपनियों ने पेट्रोल 82 पैसे प्रति लीटर और डीज़ल 61 पैसे प्रति लीटर महंगाई करने की घोषणा की थी.दाम बढ़ने से साफ हो गया है कि 24 दिनों मे जितना तेल कीमतों पर दाम घटाए गये थे. एक बार में उससें ज्यादा बढ़ा दिए गये. लोगों का मानना है कि तेल की कीमतों में इजाफे से परिवहन, ट्रांसपोटेशन पर महंगा होगा. पेट्रोलियम मंत्रालय की तरफ से जारी आंकड़ों के मुताबिक 26 फरवरी को कच्चे तेल की कीमत 59.19 डॉलर प्रति बैरल थी जो पिछले एक महीने में सबसे ज्यादा है. 29 जनवरी से 11 फरवरी के बीच कच्चे तेल की औसत कीमत 52.70 डॉलर प्रति बैरल थी. यानी पिछले करीब दो हफ्तों में कच्चा तेल करीब 13 फीसदी महंगा हुआ है.

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