शिकागो (राॅयटर्स)। फाइजर के चीफ एग्जीक्यूटिव अल्बर्ट बोर्ला ने कहा कि उम्मीद है कि स्कूल के अगले सत्र से पहले बच्चों को वैक्सीन लगाने की मंजूरी मिल जाएगी। अपने बयान में अल्बर्ट ने कहा कि यह वैक्सीन ट्रायल में बच्चों के लिए सुरक्षित पाई गई है। फाइजर की वैक्सीन पहले से ही उनके लिए उपलब्ध है जिनकी उम्र 16 वर्ष या उससे ज्यादा है।

2,260 बच्चों पर किए गए ट्रायल

नई स्टडी में पाया गया है कि यह वैक्सीन स्कूल जाने वाले किशोरों में काम कर सकती है। स्टडी का आधार 12 से 15 वर्ष तक की उम्र के 2,260 किशोरों पर किया गया ट्रायल है। कंपनी ने अपने बयान में बताया कि ट्रायल के नतीजे 100 प्रतिशत उत्साहजनक थे। 16 से 25 वर्ष की उम्र में इस वैक्सीन का ट्रायल करके उसके साइड इफेक्ट को पूरी तरह परख लिया गया था।

बच्चों में नहीं मिले साइड इफेक्ट

ट्रायल के दौरान कम उम्र में इसके साइड इफेक्ट नजर नहीं आए। हालांकि वयस्कों के ट्रायल के दौरान कुछ हल्के साइड इफेक्ट जरूर देखने को मिले। वयस्कों के ट्रायल के दौरान साइड इफेक्ट के तौर पर इंजेक्शन की जगह दर्द, सिर दर्द, बुखार तथा चक्कर आने जैसे साइड इफेक्ट की लोगों ने शिकायत की। दूसरे डोज के बाद एंटीबाॅडी द्वारा वायरस को न्यूट्रलाइज करने पर अभी कंपनी अध्ययन कर रही है।

स्कूल सेशन से पहले वैक्सीन

बोर्ला ने कहा कि कंपनी यूएस फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन से इमर्जेंसी मंजूरी के लिए आने वाले सप्ताह के दौरान कोशिश करेगी। इसके बाद दुनिया भर के नियामकों से मंजूरी के प्रयास किए जाएंगे। उम्मीद है कि आने वाले स्कूल सेशन से पहले ही इस उम्र के बच्चों को वैक्सीन मिलनी शुरू हो जाएगी।

6 माह तक बच्चों पर होगा ट्रायल

पिछले सप्ताह कंपनी ने ट्रायल के तौर पर छोटे बच्चों को वैक्सीन की पहली डोज दी है। धीरे-धीरे कंपनी 6 महीने तक के बच्चों को कोविड-19 वैक्सीन लगाएगी। फाइजर तथा बाॅयोनटेक वैक्सीन को अमेरिकी नियामक द्वारा दिसंबर के अंत में मंजूरी मिल गई थी। यह वैक्सीन 16 वर्ष तक उससे अधिक उम्र वालों के लिए थी।

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