RANCHI: रांची यूनिवर्सिटी के पीजी स्टूडेंट्स को अब आठ सेमेस्टर में सारे पेपर क्लियर करने ही होंगे। इसमें यदि वे फेल होते हैं, तो उन्हें दोबारा एडमिशन लेकर नए बैच से पढ़ाई करनी पड़ेगी। यह निर्णय शुक्रवार को वीसी डॉ रमेश कुमार पांडे की अध्यक्षता में हुई रांची यूनिवर्सिटी परीक्षा बोर्ड की मीटिंग में लिया गया। मौके पर प्रोवीसी डॉ। एम रजीउद्दीन, एग्जामिनेशन कंट्रोलर डॉ। एके झा सहित सभी डीन मौजूद थे।

कई साल देते हैं परीक्षा

अब तक रांची यूनिवर्सिटी के पीजी स्टूडेंट किसी सेमेस्टर में फेल होने के बाद कई सालों तक परीक्षा देते रहे हैं। लेकिन, अब ऐसा नहीं होगा। गौरतलब हो कि पीजी की पूरी पढ़ाई दो साल की होती है। अब स्टूडेंट को चार सेमेस्टर के बाद अगले चार सेमेस्टर तक सारे पेपर क्लीयर करने ही होंगे। ऐसा नहीं करने पर उन्हें दोबारा एडमिशन लेना होगा।

पीएचडी के दर्जन भर रिजल्ट जारी

परीक्षा बोर्ड की मीटिंग में पीएचडी के दर्जन भर रिजल्ट पर भी बोर्ड ने सहमति दे दी है। उनके रिजल्ट जारी कर दि गए। इसमें पॉलीटिकल साइंस, संस्कृत, इकोनॉमिक्स, जियोलॉजी सब्जेक्ट शामिल हैं। वहीं तीन स्टूडेंट का पीएचडी रिजल्ट रोक दिया गया है। इसमें रिसर्च पेपर की डिमांड की गई है।

रिवैल्यूएशन में बढे़ मा‌र्क्स

ग्रेजुएशन पार्ट टू के क्ख् स्टूडेंट्स की कॉपी में रिवैल्यूएशन किया गया था। इसमें सात स्टूडेंट के नंबर बढ़ गए हैं। अब इनकी कॉपियों की स्क्रूटनी की जाएगी। उसके बाद ही रिजल्ट जारी किया जाएगा। ये डिसीजन एग्जामनेशन बोर्ड की बैठक में लिया गया।

एग्जाम कंट्रोलर को एक्सटेंशन

रांची यूनिवर्सिटी के एग्जामिनेशन कंट्रोलर डॉ। आशीष कुमार झा को एक साल का एक्सटेंशन दे दिया गया है। इनको एक साल या जेपीएससी से नियुक्ति होने तक के कार्यकाल का विस्तार प्रदान किया गया।