-चार प्रोफेसर इस साल हो चुके है रिटायर

-चार डिपार्टमेंट के पीजी स्टूडेंट्स परेशान

-प्रोफेसरों की बहाली और प्रमोशन नहीं होने से पढ़ाई भी होगा प्रभावित

RANCHI : राज्य के सबसे बड़े मेडिकल कालेज में अब पीजी की सीटों पर खतरा मंडराने लगा है। अगर जल्द ही व्यवस्था में सुधार नहीं किया गया तो यूजी की पढ़ाई भी प्रभावित हो जाएगी। और यहीं हाल रहा तो मेडिकल कालेज की मान्यता पर भी सवाल उठ सकते है।

चार डिपार्टमेंट में नहीं है प्रोफेसर

रिम्स के चार डिपार्टमेंट में प्रोफेसरों के नहीं होने से पीजी स्टूडेंट्स की पढ़ाई प्रभावित हो रही है। जिसमें माइक्रोबायोलॉजी, आइ डिपार्टमेंट, गायनी, आर्थो और पीएसएम प्रोफसरों की कमी से जूझ रहे है। इस वजह से इन डिपार्टमेंटों के स्टूडेंट्स को परेशानी हो सकती है। वहीं इसकी सीटों के भी घटाए जाने की संभावना बढ़ गई है। अगर रिम्स प्रबंधन जल्द ही इस मामले में सीरियस नहीं होता है स्थिति और खराब हो जाएगी।

चार प्रोफेसर हो चुके है रिटायर

बताया जाता है कि इस साल रिम्स में चार प्रोफेसर रिटायर हो चुके है। वहीं दो एसोसिएट प्रोफेसर रिटायर होने वाले है। इससे यूजी की क्लास पर भी खतरे की घंटी झूल रही है। साथ ही यह भी माना जा रहा है कि अगले साल रिम्स से करीब क्म् प्रोफेसर रिटायर हो जाएंगे। इसके बावजूद रिम्स प्रबंधन एक्टिव नहीं दिख रहा है। अगर यहीं स्थिति रही तो अगले साल रिम्स में पढ़ाई कैसे होगी इसकी चिंता अभी से ही स्टूडेंट्स को सता रही है।

जेडीए ने वीआरएस पर रोक लगाने की मांग की

हास्पिटल में डॉक्टरों ने वीआरएस देना शुरू कर दिया है। वहीं कालेज में प्रोफेसरों की घटती संख्या को देखते हुए जेडीए ने डायरेक्टर से किसी भी डॉक्टर का वीआरएस एक्सेप्ट नहीं करने की मांग की। जेडीए ने कहा कि एक तो कालेज में प्रोफेसर नहीं है ऊपर से हमारे प्रोफेसर्स वीआरएस के लिए आवेदन दे रहे है जो किसी भी रूप में ठीक नहीं है।

बिहार में है पीजी की ब्ब्0 सीटें

पीजी सीटों की बात करें तो झारखंड से बिहार के मेडिकल कालेजों की स्थिति काफी अच्छी है। बिहार में पीजी की ब्ब्0 सीटें है जबकि झारखंड में मात्र क्87. वहीं सबसे ज्यादा मेडिकल सीटें महाराष्ट्र में है।

डायरेक्टर डॉ। एस हैदर से सीधी बात

आईनेक्स्ट : प्रोफेसरों की संख्या घट रही है ऐसे में पीजी की सीटों पर खतरा मंडरा रहा है?

जवाब : इस मामले में मैं कुछ कहने की स्थिति में नहीं हूं। लेकिन स्थिति को देखते हुए तत्काल इस पर एक्शन लेने की जरूरत है।

आईनेक्स्ट : अगर प्रोफेसर ऐसे ही घटते रहे तो यूजी की पढ़ाई प्रभावित हो जाएगी?

जवाब : इसके लिए तो अब नए डायरेक्टर ही कुछ निर्णय लेंगे। लेकिन स्थिति ठीक नहीं है।