एग्जाम का तूफान

बेतियाहाता की रहने वाली अनिता और डॉ। नरेश अग्रवाल ने बताया कि मैं और मेरे हसबैंड किसी काम से दिल्ली में थे। जैसे ही 12 अक्टूबर को ओडिशा में साइक्लोन 'फैलिन' की न्यूज देखी। हम दोनों के होश ही उड़ गए। मां दुर्गा से हम लोग यही प्रार्थना करते रहे कि मेरी बच्ची को सही सलामत रखे। हम लोग बच्चे को घर आने के लिए फोर्स नहीं कर सकते थे, क्योंकि उसका एग्जाम है, लेकिन फोन पर हम लोग लगातार उससे संपर्क बनाए हुए हैं।

और मां दुर्गा से करती रही प्रार्थना  

उन्होंने बताया कि तन्वी से इस साइक्लोन के बारे में पूछा तो उसने जो बताया उससे तो मेरी रात की नींद और दिन चैन छिन गया, लेकिन बच्ची ने हिम्मत से काम लिया। चूंकि दशहरा की छुट्टी के चलते कॉलेज के सभी बच्चे घर जा चुके थे। इसलिए और टेंशन सता रही थी। लेकिन वह ओडिशा में रहने वाली बुआ के घर शिफ्ट कर गई। इधर नवमी के दिन पूजा के दौरान मैं मां से यहीं प्रार्थना करती रही कि मेरे बच्चे को सुरक्षित रखे।

स्थिति सुधरेगी तभी जाएगी आकांक्षा

डॉ। अतुल शाही की बेटी आकांक्षा एमबीबीएस सेकेंड इयर की स्टूडेंट है। वह ओडिशा के किम्स कॉलेज में पढ़ाई करती है। वह दशहरा की छुट्टियों में घर आई हुई है। उसके फादर डॉ। अतुल बताते हैं कि साइक्लोनी फैलिन वाली घटना जब से सुना है तब से काफी टेंश हैं। हर रोज कॉलेज फोन कर वहां की स्थिति का जायजा ले रहे हैं। उन्होंने बताया कि बेटी को 19 अक्टूबर को वापस ओडिशा भेजने का प्लान है। यदि स्थिति में सुधार नहीं हुआ तो यह डेट एक्सटेंड भी कर सकता हूं।

एग्जाम के चलते मैं घर नहीं आ सकी। फैलिन ने तो पूरी तरह से नींद उड़ा दी है। एक तरफ सेमेस्टर एग्जाम का तूफान था तो दूसरी तरफ से फैलिन का तूफान। ऐसे भंवर में फंस गई थी कि यह समझ पाना मुश्किल था कि कौन सा तूफान मुझ पर भारी पड़ रहा है। हालांकि इस तूफान के बीच अपने पैरेंट्स से लगातार कांटेक्ट में हूं।

तन्वी अग्रवाल, मेडिकल स्टूडेंट

दशहरे की छुट्टी में घर आई हूं। लेकिन जब से ओडिशा में आए 'साइक्लोन फैलिन' की घटना सुनी हूं तब से काफी चिंताएं सताए जा रही है। जो हमारे सीनियर्स हैं वे काफी परेशान हैं। उनकी परेशानी देख अभी वहां जाने की मेरी हिम्मत भी नहीं हो रही।

आकांक्षा शाही, मेडिकल स्टूडेंट

report by : amarendra.pandey@inext,co,in