- नए आईजी मोहित अग्रवाल ने चार्ज संभाला, विजिटिंग कार्ड जारी कर बढ़ाएंगे कम्युनिटी पुलिसिंग

- अपराधियों को गोली का जवाब गोली से दिया जाएगा, आक्रामक शैली में काम करेगी पुलिस

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KANPUR : नए आईजी मोहित अग्रवाल ने गुरुवार को चार्ज संभालते ही मातहतों को अपने तेवर से वाकिफ करा दिया। उन्होंने कहा कि अपराधियों के खिलाफ आक्रामक रणनीति के तहत काम होगा। पुलिस गोली का जबाव गोली से देगी। उन्होंने कहा कि अपराधियों को कहीं छुपने की जगह न मिले। इसके लिए पुलिस गली और चौराहों पर मोस्ट वांटेड क्रिमिनल के नाम पते और फोटो की होर्डिंग्स लगाएगी। इसके अलावा उन्होंने कम्युनिटी पुलिसिंग पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि पुलिस ऐसा कोई काम नहीं करेगी। जिससे पब्लिक को दिक्कत हो।

चार्ज संभालने के बाद मीडिया से बात

आईजी मोहित अग्रवाल चार्ज संभालने के बाद मीडिया से बातचीत में कहा कि सिपाही से लेकर पुलिस अफसर अपने साथ विभाग की छवि को लेकर सतर्क रहे। सिपाही से लेकर थानेदारों की जिम्मेदारी तय की जाएगी। अनुशासनहीन पुलिस कर्मियों पर बर्खास्तगी तक की कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि कम्युनिटी पुलिसिंग बढ़ाने के लिए सभी पुलिसकर्मियों को विजिटिंग कार्ड जारी किए जाएंगे। जिन्हें वे पब्लिक में बांट सकेंगे। उन्होंने कहा कि कोई भी घटना होने पर सीओ और थानेदार ही नहीं, बल्कि चौकी इंचार्ज और सिपाहियों की भी जिम्मेदारी तय होगी। उन्होंने कहा कि ट्रैफिक व्यवस्था ठीक करने के लिए बाजारों में यातायात सलाहकार सि1मति बनेगी।

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नौकरी करते हुए दी एसएससी की परीक्षा

आईजी मोहित अग्रवाल ने कहा कि उनको पिता से आईपीएस बनने की प्रेरणा मिली थी। वह सिविल सर्विसेज की परीक्षा देते समय पॉवर ग्रिड दिल्ली में नौकरी कर रहे थे। इसलिए उनको पढ़ने का समय नहीं मिल पाता था। मोहित का जन्म साधारण परिवार में हुआ था। उनके पिता कृष्णकांत अग्रवाल बरेली में टीचर थे। इंटर के बाद वह गोरखपुर मोहित मदन मोहन मालवीय इंजीनियरिंग कॉलेज चले गए थे। मुंबई से एमटेक के बाद उन्होंने 1997 में सिविल सर्विसेज की परीक्षा पास कर ली। उनके दो बड़े भाई इंजीनियर और छोटा भाई डॉक्टर है। जबकि पत्नी प्रेरणा टीवीएस कंपनी में हेड एचआर मैनेजर है। उनकी बड़ी बेटी दिल्ली आईआईटी में पढ़ाई कर रही है, जबकि छोटी बेटी 10वीं की स्टूडेंट है।

नक्सलवाद के साथ यूएन में भी संभाला चार्ज

आईपीएस मोहित 2005-06 में यूएन में थे। यूपी कैंडर के आईपीएस मोहित ने शुरुआती दिनों में नक्सल प्रभावित क्षेत्र चंदौली की जिम्मेदारी संभाली थी। 2004 में उन्नाव में एसपी और 2007 में कानपुर देहात के एसपी रहे। इसके बाद उन्होंने प्रयागराज, आगरा, रायबरेली, प्रतापगढ़, फिरोजाबाद, सोनभद्र, देवरिया समेत 15 जिलों में एसएसपी का चार्ज संभाला। वह अलीगढ़ में डीआईजी और गोरखपुर में आईजी रहे है। इसके अलावा वह आईजी तकनीकि और पुलिस भर्ती बोर्ड का भी चार्ज संभाल चुके है।