वार्ड पार्षद पिंकी कुमारी और सुषमा साहू में हो सकती है टक्कर

-इस बार महिलाएं करेंगी मेयर पद की दावेदारी

-आज तक कोई महिला नहीं पाई है पटना की मेयर

PATNA : इस बार पटना मेयर की सीट पर महिलाओं का दबदबा रह सकता है। दोनों गुटों से महिलाएं अपने अधिकार को लेकर आवाज उठा रही हैं। इनका साफ कहना है कि आखिर कब तक पटना के मेयर सिर्फ पुरुष ही बनते रहेंगे। पूर्व मेयर अफजल इमाम को हटाने में सबसे ज्यादा महिला पार्षदों ने ही भूमिका निभाई है, जिसके बाद लगातार यह सवाल उठ रहा था कि आखिर महिलाओं को इस बार मौका क्यों नहीं दिया जाए। हालांकि आज तक कोई महिला मेयर नहीं बन पाई है। जबकि कई बार महिलाओं ने अपनी दावेदारी के समर्थन में बात की लेकिन हर बार उनकी दावेदारी रद्द कर दी गई।

महिला पार्षद उठा रहीं सवाल

मेयर पद के लिए महिलाओं में एकजुटता देखने को मिल रही है। इनका साफ कहना है कि जब महिला आरक्षण की बात होती है तो क्या नगर निगम में मेयर पद के लिए महिलाओं को सपोर्ट नहीं करना चाहिए, क्या आरक्षण की बातें सिर्फ मीडिया या किताबों के लिए बनी है। आखिर महिलाओं को क्यों पीछे किया जा रहा है। मेयर चुनाव की तिथि नजदीक आ रही है, लेकिन अभी मेयर का नाम सामने नहीं आया है। लेकिन महिलाओं ने जैसे ही सवाल उठाया सिर्फ एक ही बात सामने आ रही है कि महिलाएं पटना को बेहतर रख सकती है।

रांची में बनती रही हैं महिला मेयर

पड़ोसी स्टेट झारखंड की बात करें तो झारखंड बनने के बाद से रांची में अब तक महिला ही मेयर पद पर काबिज हैं। लेकिन राजधानी पटना में आज तक किसी महिला को मेयर नहीं बनाया गया है। जबकि रांची की मेयर आशा लकड़ा ने यह दिखाया है कि आखिर काम कैसे किया जाता है।

दो पार्षद पेश कर सकती हैं दावेदारी

मेयर पद के लिए दोनों गुट की महिलाएं आगे आ रही है और यह उम्मीद जतायी जा रही है कि जल्द ही दोनों गुट से महिला पार्षद दावेदारी पेश कर सकती है। अफजल इमाम गुट से पिंकी कुमारी दावेदारी करने के मूड में हैं तो दूसरी ओर रूप नारायण गुट से सुषमा साहू मेयर बनने में बस कुछ ही समय शेष होने की बात कर रही है। दोनों को देख यही कहा जा सकता है कि अब मेयर पद के महिलाएं भी मैदान में हैं।

क्या पुरुषों का दिल इतना बड़ा नहीं कि महिला को मेयर बनाया जाए। सिर्फ आरक्षण की बातें करने वाले लोग बताएं कि आखिर पटना में अब तक महिला मेयर क्यों नहीं बनाई गई।

-सुषमा साहू, पार्षद, वार्ड नं क्9

मेयर पद के लिए जरूर खड़ी हो सकती हूं, लेकिन अभी तक किसी ने समर्थन नहीं दिया है। जब तक सभी पार्षद समर्थन ना दे दे तब तक मेरा खड़ा होना मुश्किल है।

-पिकीं कुमारी, पार्षद, वार्ड नं ख्क्

महिला आगे आए इसके लिए मैने कभी मना नहीं किया है, लेकिन अंतिम निर्णय तो सर्वसम्मति से ही होना है। महिलाओं के खिलाफ हमलोगों ने कभी आवाज नहीं उठाया है।

-रूप नारायण, उपमहापौर