नंबर गेम

2100

तिपहिया वाहनों को जनवरी से होगी सीएनजी की आवश्यकता

1000

बसों को भी जनवरी से चाहिए होगी सीएनजी

03

सीएनजी पंप ही हैं पूरे जिले में

03

नए सीएनजी पंपों के संचालन का वादा दिख रहा धूमिल

150

वाहनों में ही प्रति दिन एक पंप से भरी जा सकती है सीएनजी

3100

गाडि़यां दिसंबर तक और सीएनजी में कनवर्ट करने का है प्लान

-इलाहाबाद में पंपों की है कमी, दिसंबर से हजारों वाहन सीएनजी में हो जाएंगे कनवर्ट

ALLAHABAD: वाहनों को सीएनजी में बदलने का फरमान अफसर जारी कर चुके हैं। उनकी कोशिश है कि दिसंबर के अंत तक हर हाल में वे इस काम को पूरा कर लें। उनकी इस सक्रियता को देखते हुए वाहन चालकों के तोते उड़ गए हैं। वाहन चालकों की सबसे बड़ी चिंता यह है कि शहर में सीएनजी पंपों की संख्या तो बढ़ाई नहीं गई। ऐसे में यदि अफसर वाहनों को सीएनजी में कनवर्ट कराएंगे तो उनकी मुश्किलें कई गुना बढ़ जाएंगी।

झेलेंगे यात्री व वाहन चालक

वाहनों को कनवर्ट करने के बाद सीएनजी के लिए पंपों पर भीड़ का लगना तय है। एक्सर्प के मुताबिक एक दिन में केवल 150 वाहनों में ही एक पंप से सीएनजी भरी जा सकती है। ऐसे में सभी वाहनों को समय से सीएनजी का मिल पाना आसान न होगा। यदि ऐसे हालात बने तो वाहन चालकों को तो दिक्कतें होंगी ही, यात्रियों को भी साधन के अभाव में समस्याओं से जूझना पड़ेगा। सीएनजी के न मिलने पर जाहिर है कि गाडि़यां नहीं चल सकेंगे। ऐसे में उन गाडि़यों के चालकों की आर्थिक स्थिति भी बिगड़ सकती है।

पब्लिक कोट

शहर के ट्रैफिक को स्मूथली चलाने के लिए नए सीएनजी पंपों की जरूरत होगी। दिसंबर से पहले इनका निर्माण हो जाना चाहिए।

नितेश नारायण

इलाहाबाद जैसे बड़े शहर में महज तीन सीएनजी पंप काफी नहीं है। दिसंबर के बाद नई सीएनजी गाडि़या आ जाने के बाद अतिरिक्त पंप की आवश्यकता होगी।

कुमार आशीष सेठ

गवर्नमेंट को नए पंप लगवाना चाहिए, या टाइम लिमिट को बढ़ाने पर जोर देना चाहिए। ऐसा नहीं हुआ तो लोगों को काफी समस्याएं होंगी।

प्रमोद शुक्ला

तीन सीएनजी पंप हैं। अंदावा का पंच चल रहा है या नहीं यह जांच का विषय है। बाकी, दो पंपों के सहारे दिसंबर के बाद तीन हजार से अधिक गाडि़यों का संचालन संभव नहीं है। सुबह से शाम तक चालकों को बारी का इंतजार करना पड़ेगा।

रमाकांत रावत, महामंत्री, टैंपो-टैक्सी वेलफेयर यूनियन

वर्जन

आरटीए की बैठक में दिसंबर तक तीन नए पंप चालू किए जाने का आश्वासन संबंधित कंपनी ने दिया था। जिसको हर हाल में पूरा कराने की कोशिश जारी है। शहर को जाम की समस्या से बचाने की कोशिश की जाएगी।

सगीर अहमद, आरटीओ, इलाहाबाद