शास्त्रों में मनुष्य के तीन ऋण कहे गए हैं---1. देव ऋण 2. ऋषि ऋण 3. पितृ ऋण

इसमें से पितृ ऋण को श्राद्ध करके उतारना आवश्यक है।ब्रह्म पुराण के अनुसार आश्विन मास के कृष्णपक्ष में यमराज यमपुरी से पितरों को मुक्त कर देते हैं और वे अपनी संतानों तथा वंशजों से पिंड दान लेने के लिए पृथ्वी पर आते हैं।सूर्य के कन्या राशि में आने के कारण ही आश्विन मास के कृष्णपक्ष का नाम कनागत" पड़ गया,क्योंकि सूर्य के कन्या राशि में आने पर पितृ पृथ्वी पर आकर अमावस्या पर घर के द्वार पर ठहरते हैं।भाद्रपद शुक्ल पूर्णिमा से प्रारंभ करके आश्विन कृष्ण अमावस्या तक 16 दिन पितरों का तर्पण और विशेष तिथि को श्राद्ध अवश्य करना चाहिए।इस प्रकार करने से यथोचित रूप से पितृ व्रत पूर्ण होता है।

मुहूर्त ज्योतिष के अनुसार अपराह्न काल पितृ कार्यों के लिए एवं पूर्वाह्न काल देव कार्यों के लिए प्रशस्त माना गया है।एकोदिष्ट श्राद्ध में मध्यान्ह एवं पावर्ण श्राद्ध में अपराह्न को ग्रहण किया जाता है।यही कारण से श्राद्ध पक्ष में अपराह्न व्यापिनी तिथि को ग्राहम किया जाता है।इस बार श्राद्ध पक्ष का क्रम निम्न प्रकार है:--       

1. प्रोष्ठपदी श्राद्ध( पूर्णिमा का महालय श्राद्ध)दिनाँक 13 सितम्बर 2019 शुक्रवार इस वर्ष यह 13 सितंबर 2019 को होगा,क्योंकि इस दिन पूर्णिमा प्रातः 7.35 के बाद लगेगी अर्थात इस दिन पूर्णिमा अपराह्नव्यापिनी है। पूर्णिमा जिनकी मृत्यु तिथि हो,उनका महालय श्राद्ध अपराह्नव्यापिनी भाद्र शु पूर्णिमा में किया जाता है।

2. प्रतिपदा का महालय श्राद्ध दिनाँक 14 सितम्बर 2019 शनिवार।इस वर्ष यह प्रतिपदा अपराह्न व्यापिनी है।

             

3. दिव्तीय का श्राद्ध दिनाँक 15 सितंबर 2019 रविवार को ही किया जाएगा।क्योंकि इस वर्ष आश्विन कृष्ण दिव्तीया 15 और 16 सितंबर को (दोनों दिन) अपराह्न व्यापिनी है।इस स्तिथि में श्राद उसी दिन किया जाता है, जिस दिन तिथि अपराह्न को अधिक व्याप्त करे।इस वर्ष दिव्तीय अपराह्न काल के अधिक भाग को 15 सितंबर के दिन ही व्याप्त कर रही है। 16 सितंबर 2019 कोई श्राद्ध नहीं है

               

4. 17 सितंबर 2019 मंगलवार तृतीया का श्राद इस दिन अंगारक चतुर्थी है।

                   

5. 18 सितंबर 2019 बुधवार को चतुर्थी का श्राद्ध (भरणी नक्षत्र का श्राद्ध) इस दिन शनि  2.16 बजे से मार्गी होंगे।

                 

6. 19 सितंबर 2019 बृहस्पतिवार को पंचमी का श्राद्ध (कृत्तिका का श्राद्ध)

                 

7. 20 सितम्बर 2019षष्ठी श्राद्ध

                   

8. 21 सितंबर 2019--- सप्तमी श्राद्ध

                   

9. 22 सितंबर 2019 अष्टमी श्राद्ध

                   

10. 23 सितंबर 2019 नवमी श्राद्ध

                    

11. 24 सितंबर 2019 दशमी श्राद्ध

                     

12. 25 सितंबर 2019 एकादशी एवं द्वादशी श्राद्ध क्योंकि इस दिन अपराह्न 2.09 बजे तक एकादशी का मान रहेगा उसके उपरांत 26 सितंबर को द्वादशी मात्र पूर्वाह्न 11.03 बजे तक ही रहेगी अथार्त एकादशी/द्वादशी दोनों तिथि ही अपराह्न व्यापिनी रहेंगी।

                    

13. 26 सितंबर 2019 बृहस्पतिवार को ही मघा नक्षत्र अपराह्न व्यापिनी है।इस समय त्रयोदशी भी है।अतः मघा त्रयोदशी के योग में पितरों का श्राद्ध करना विशेष महात्म्य रखता है।

                   

14. 27 सितंबर 2019 शुक्रवार चतुर्दशी तिथि का श्राद्ध विष शस्रादि से मृतकों का श्राद्ध इस दिन चतुर्दशी तिथि छय है।

                  

15. 28 सितंबर 2019 शनिवार सर्व पितृ श्राद्ध अमावस्या देव पितृ कार्य अमावस्या है।इस दिन पितृ पक्ष समाप्त होगा।

-ज्योतिषाचार्य पंडित राजीव शर्मा

Pitru Paksha 2019: पितृ पक्ष में बरतें ये सावधानियां, वर्ना श्राद्ध रह जाएगा अधूरा