- अफसरों के तबादले और नेताओं की कुर्सी छिनने के साथ ही दम तोड़ चुकी कई योजनाएं

KANPUR : अच्छी योजनाएं किसे अच्छी नहीं लगती। शहर का भला हो तो शहरी भी साथ आ खड़े होते है। अपने शहर में भी कई अच्छी योजनाएं परवान चढ़ी। कुछ अफसरों और कुछ नेताओं की वजह से। मगर, आज ज्यादातर दम तोड़ चुकी हैं। कई अब भी घिसट रही हैं। अफसरों का तबादला हो गया और नेताओं को पब्लिक ने रिटायर कर दिया। एक नजर कुछ बेहतरीन योजनाओं और उनके हश्र पर -

क्- दीवारों पर पेंटिंग और चित्रकारी

पूर्व नगर आयुक्त डीके सिंह ने चार्ज संभालने के फौरन बाद शहर को खूबसूरत बनाने का काम शुरू करवाया। इसमें चौराहों और शहर की दीवारों पर पेंटिंग-चित्रकारी करवाई। सिविल लाइंस, वीआईपी रोड, मोतीझील, चुन्नीगंज आदि सड़कों की बाउंड्री वॉल पर यूनिवर्सिटी के फाइन आर्ट के बच्चों ने बेहतरीन पेंटिंग्स बनाई। पर उनके तबादले के साथ ही इन इलाकों का बुरा हाल हो गया।

ख्- विद्यादान योजना

फॉर्मर डीएम मुकेश मेश्राम ने अपने कार्यकाल में शहर में विद्यादान योजना शुरू करवाई थी। इसमें शहरवासियों को प्राइमरी स्कूल में जाकर अवैतनिक पढ़ाने के लिए मोटीवेट किया गया। सैकड़ों की तादाद में लोगों ने अपना नाम जिला प्रशासन के पास दर्ज करवाया। इनमें एमबीए, डॉक्टर, बिजनेसमैन, सीए समेत रिटायर्ड डिफेंस ऑफिसर तक शामिल रहे।

फ्- शूटिंग रेंज

फॉर्मर डीएम एमपी अग्रवाल के समय शूटिंग रेंज के लिए जमीन तलाशनी शुरू की गई। बीच शहर जगह नहीं होने की वजह से शुक्लागंज और घाटमपुर के पास जमीन पर सहमति भी बन गई। तत्कालीन सिटी मजिस्ट्रेट एचपी शाही को सर्वे करना था। पर दोनों ही अफसरों के तबादले के साथ योजना भी ठंडे बस्ते में चली गई।

ब्- दूधियों का आई कार्ड

शहर में मिलावटी दूध की रोकथाम को दूधियों के आईकार्ड बनाए जाने की योजना लागू की गई। एफडीए विभाग ने सख्ती की तो इक्का-दुक्का दूधियों ने कार्ड बनवाए भी। मगर, योजना ज्यादा प्रभावी तरीके से नहीं चल सकी। तत्कालीन सिटी मजिस्ट्रेट एचपी शाही का तबादला होते ही यह व्यवस्था भी ठप हो गई।

भ्- सीओडी रेल ओवर ब्रिज

सीओडी ब्रिज ने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए। लगभग एक दशक बीत चुका है। पर आज भी हालात जस के तस है। पीएसी और रामादेवी जाने के लिए हजारों लोगों को धूल-मिट्टी के गुबार से होकर गुजरना पड़ रहा है। सीओडी पुल की नींव तत्कालीन केन्द्रीय गृह मंत्री व कानपुर से सांसद रहे श्रीप्रकाश जायसवाल के समय रखी गई थी। दो बार सांसद रह चुके जायसवाल के बाद अब डॉ। मुरली मनोहर जोशी शहर से सांसद हो चुके है, लेकिन अब भी पुल बनकर तैयार नहीं हो सका है।