- प्लास्टिक बैन के फैसले के बाद फेसबुक और वाट्सएप पर जमकर हो रही अपील

- यूजर्स बोले, प्लास्टिक के सभी सामानों का प्रोडक्शन करें बंद, तभी बदलेंगे हालात

VARANASI

प्रदेश सरकार के प्लास्टिक बैन करने के फैसले के बाद जहां सरकारी और गैरसरकारी स्तर पर जागरूकता अभियान, कार्रवाई आदि का सिलसिला जारी है। वहीं इससे इतर सोशल मीडिया ने भी इसमें खासी भूमिका निभाई है। सोशल प्लेटफॉ‌र्म्स पर भी प्लास्टिक बैन को लेकर कैम्पेन चल रहा है। फेसबुक, इंस्टाग्राम, वाट्सएप, ट्विटर समेत तमाम सोशल माध्यमों पर यूजर्स सरकार के फैसले की सराहना कर रहे हैं। यूजर्स ने प्लास्टिक से बने सामानों का प्रोडक्शन पूरी तरह से बंद करने की अपील की है। सोशल प्लेटफॉ‌र्म्स पर यूजर्स ने तमाम सवाल भी उठाए हैं।

सोशल प्लेटफा‌र्म्स की अपीलें

- पब्लिक को खुद प्लास्टिक का यूज नहीं करना चाहिए।

- इस मामले में खुद को बदलने की जरूरत है।

- सरकारें तब तक कुछ नहीं कर सकतीं, जब तक पब्लिक खुद न अवेयर हो।

- सरकार को 50 माइक्रॉन से ऊपर की पॉलीथिन को प्रतिबंधित करनी चाहिए।

- मकसद तभी सफल होगा, जब प्लास्टिक का प्रोडक्शन बंद कर दिया जाये।

अच्छा कदम लेकिन कौन सी?

सिगरा के हिमांशु यादव ने वाट्सएप ग्रुपों पर पोस्ट किया है कि पॉलीथिन बंद करना अच्छा कदम है, लेकिन कौन सी? क्या कुरकुरे, बिस्कुट, नमकीन, दूध, दही आदि की पैकिंग वाली पॉलीथिन बंद हुई? मल्टीनेशनल्स कम्पनियों के बने पॉलीथिन बंद हुए। अगर नहीं तो सिर्फ छोटे दुकानदारों व ठेले, खोमचे वालों को ही क्यों निशाना बनाया जा रहा है।

अर्दली बाजार के राहुल सिंह ने फेसबुक पर पोस्ट किया है कि मल्टीनेशनल कंपनियां तो पॉलीथिन में ही सॉस पैक करती हैं, जो बंद नहीं है, लेकिन समोसे वाले जो अपनी चटनी पैक करते हैं, वो पॉलीथिन बंद क्यों। सरकार को इसे भी बैन करना चाहिए।

कज्जाकपुरा की सत्या तिवारी ने इंस्टाग्राम पर लिखा है कि पॉलीथिन बंद से क्या मतलब है? अगर बड़े दुकानदार प्रिंटेड पॉलीथिन में पैकिंग करे तो ठीक और गरीब की सादी पॉलीथिन पर कार्रवाई हो। क्या यह ठीक है?

तरना के हर्षित श्रीवास्तव ने फेसबुक पर लिखा है कि हर तरह से नुकसानदेह प्लास्टिक का प्रोडक्शन बंद करना होगा। सिर्फ 50 माइक्रॉन की प्लास्टिक का यूज बंद करने से काम नहीं चलेगा। सभी को मिलकर आवाज बुलंद करनी चाहिए, तभी पर्यावरण संरक्षित होगा।