-सीएम ने किया है 15 से प्लास्टिक बैन का ऐलान

-कैरी बैग, प्लास्टिक के गिलास, कप, प्लेट सब होंगे बैन

LUCKNOW: यूनाइटेड नेशंस ने आबादी के लिहाज से देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में प्लास्टिक बैन करने की पहल का स्वागत किया है। यूनाइटेड नेशंस एनवायरनमेंट हेड एरिक सोल्हेम ने कहा है कि यह अच्छी खबर है कि उत्तर प्रदेश अब सिंगल यूज प्लास्टिक को बैन कर रहा है।

सिंगल यूज प्लास्टिक

यह प्लास्टिक के वे सामान हैं जो एक बार प्रयोग के बाद बेकार हो जाते हैं। इसमें प्लास्टिक के कैरी बैग, कप, गिलास, प्लेट, प्लास्टिक बोतल सहित अन्य सामान आता है। पर्यावरण की दृष्टि से ये सबसे अधिक खतरनाक हैं और मनुष्यों सहित सभी प्रकार के जीवों के लिए खतरा बन रहे हैं। आज नगर निगम के वेस्ट में सबसे अधिक प्लास्टिक है तो शहर के नालों को चोक करने के लिए भी यही सबसे अधिक जिम्मेदार है। इसमें सबसे अधिक पॉलीबैग या प्लास्टिक के कैरीबैग हैं।

पॉल्यूशन विभाग ने निगम को लिखा पत्र

सीएम योगी आदित्यनाथ ने कुछ दिन पहले प्लास्टिक कैरीबैग, कप गिलास पर 15 जुलाई से बैन लगाने की घोषणा की थी। यूपी पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के रीजनल अधिकारी राम करन ने बताया कि पॉलीबैग के बैन को प्रभावी करने के लिए नगर निगम को पत्र लिखा गया है। इसमें पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के भी आधा दर्जन से अधिक कर्मचारी मदद करेंगे। उधर नगर निगम ने बैन को लागू करने के लिए टॉस्क फोर्स का गठन कर दिया है। जिसमें सेना के पूर्व अधिकारी, पूर्व सैनिकों व अन्य चार टीमें गठित की गई हैं। राजधानी को चार जोन में बांट कर ये टीमें कार्रवाई करेंगी। प्रत्येक टीम में 13 सदस्य होंगे। निगम 15 जुलाई से सभी 653 नगर निकायों में 50 माइक्रान से कम की पॉलीथीन को बैन करेगा। इसके लिए तैयारियां भी शुरू कर दी गई है।

सपा सरकार ने भी किया था बैन

इससे पहले सपा सरकार के दौरान हाई कोर्ट के आदेश के बाद पर्यावरण विभाग ने 22 दिसंबर 2015 को अधिसूचना जारी कर सभी तरह के पॉलीबैग के उत्पादन और वितरण पर प्रतिबंध लगा दिया था। उत्पादकों को इसके लिए एक माह का समय दिया गया था। जिसके बाद 21 जनवरी 2016 से प्लास्टिक के कैरी बैग के निर्माण पर रोक लगा दी गई। सरकार ने पांच लाख के जुर्माने का प्राविधान किया था। अभियान भी चलाया गया और प्रदेश भर में सैकड़ों कुंतल पॉलीबैग जब्त किए गए, लेकिन पर्यावरण विभाग की नीतियां स्पष्ट न होने और मौके पर जुर्माने का प्राविधान न होने के कारण बैन को कड़ाई से लागू नहीं किया जा सका। धीरे धीरे फिर से प्लास्टिक का धड़ल्ले से प्रयोग होने लगा। हालांकि मॉल्स में बड़े रिटेल स्टोर्स में अभी भी यह बैन कुछ हद तक प्रभावी ढंग से लागू है।

जल्द आएगा अध्यादेश

सूत्रों के मुताबिक मुख्य सचिव की अध्यक्षता में शुक्रवार को हुई बैठक में दोबारा अध्यादेश लाने पर चर्चा हुई। सरकार अगले हफ्ते नया अध्यादेश ला सकती है। जिसमें पहली बार पकड़े जाने पर 5000 हजार, दूसरी बार 10000 और तीसरी बार 25 हजार के जुर्माने और तीन माह की सजा का प्राविधान किया जा सकता है। इससे पहले महाराष्ट्र सरकार ने 23 जून को ही प्लास्टिक के सामान पर पूरी तरह से बैन लगा दिया था।