Lucknow: प्लास्टिक सर्जरी की ट्रेनिंग लेकर डॉक्टर्स कॉस्मेटिक सर्जरी की ओर न दौड़ें और मरीजों का इलाज करें और रिकंस्ट्रक्टिव सर्जरी की ओर ध्यान दें। केजीएमयू के प्लास्टिक सर्जरी विभाग के फ्8वें स्थापना दिवस के अवसर बंगलौर से आए प्रो। केएस शेखर ने डॉक्टर्स को यह सलाह दी। प्रो। केएस शेखर ने कहा कि कॉस्मेटिक सर्जरी से ज्यादा जरूरी मरीजों को राहत देना है। उन्होंने इंटरएक्टिव सेशन के दौरान डॉक्टर्स को आक्यूलोप्लास्टी की बारीकियों की जानकारी दी। प्रो। शेखर ने बताया कि कई बार बाई बर्थ या फिर एक्सीडेंट और बर्न के कारण आंख और आस पास के एरिया में विकृति हो जाती है। इसे आक्युलोप्लास्टी की तकनीकियों से ठीक किया जा सकता है।

लगातार बढ़ रहे मरीज

इस अवसर पर प्लास्टिक सर्जरी विभाग के एचओडी प्रो। एके सिंह ने बताया कि ख्0क्ख् में क्फ्क्0क् पेशेंट ओपीडी में दिखाने के लिए आए। जिसमें से ख्0फ्7 पेशेंट्स की सर्जरी की गई। वहीं ख्0क्फ् में क्भ्ख्क्9 मरीजों ने ओपीडी में इलाज कराया जिसमें से ख्भ्8ख् मरीजों की सर्जरी की गई। उन्होंने बताया कि विभाग के पास अब स्पेस की दिक्कत नहीं है। हम बर्न पेशेंट्स के इलाज के लिए प्रतिबद्ध है। वार्ड शुरु करने के लिए तीन करोड़ रुपए की आवश्यकता है जिसे स्टेट और सेंट्रल गवर्नमेंट से मांग की गई। अप्रूवल मिलते ही सुविधाओं के उपलब्धता के आधार पर इन पेशेंट्स को इलाज शुरु कर दिया जाएगा।