- सख्ती के बावजूद सिटी में खुलेआम बिक रहा पॉलीथिन

- 12 कूड़ा पड़ाव केंद्रों से डेली निकलता है वेस्ट

GORAKHPUR: दो अक्टूबर से सिटी में पॉलीथिन यूज पर सख्ती के बावजूद गोरखपुराइट्स पर इसका असर नजर नहीं आ रहा। तमाम छापेमारी और अभियानों के बाद भी धड़ल्ले से पॉलीथिन बिक रही है। जिसका नतीजा ये कि गोरखपुर को प्लास्टिक वेस्ट मुक्त करने के नगर निगम के दावों के बीच हालात और खराब होते जा रहे हैं। निगम के आंकड़ों पर नजर डालें तो सिटी के 12 कूड़ा पड़ाव केंद्रों पर ही डेली निकलने वाले करीब 600 मीट्रिक टन कूड़े में करीब पांच मीट्रिक टन प्लास्टिक वेस्ट ही होता है। यानि पिछले 35 दिनों में ही 175 मीट्रिक टन प्लास्टिक वेस्ट निकल चुका है।

शुरू में दिखा असर फिर सब नॉर्मल

प्लास्टिक बैग पर प्रतिबंध के बाद भी शहर में लोग बेरोक-टोक प्रतिबंधित प्लास्टिक बैग इस्तेमाल कर रहे हैं। जिनमें भरकर कूड़ा कहीं भी फेंक दिया जा रहा है। कहीं भी जाएं लोगों के हाथ में पॉलीथिन मिल जाएगा। बैन का आदेश आने पर प्रशासन से लेकर हर कोई हरकत में आया लेकिन समय के साथ स्थिति जस की तस नजर आ रही है। इसी के चलते शहर की गलियों में प्लास्टिक वेस्ट बढ़ता जा रहा है। जिसके चलते ड्रेनेज सिस्टम जाम हो जाता है और बारिश के मौसम में नालियां ओवरफ्लो हो वॉटर लॉगिंग की वजह बन जाती हैं।

फैक्ट फिगर

छापेमारी में अभी तक प्लास्टिक बैग जब्त करीब - 35 टन

नगर निगम ने वसूला जुर्माना - लगभग 10 लाख रुपए

डेली कूड़ा पड़ाव केंद्रों से निकलता कूड़ा - 600 मीट्रिक टन

डेली निकलता प्लास्टिक वेस्ट - 5 मीट्रिक टन

दो अक्टूबर से अब तक निकला प्लास्टिक वेस्ट - 175 मीट्रिक टन

वर्जन

प्रतिबंधित प्लास्टिक बैग के खिलाफ लगातार अभियान चलाया जा रहा है। छापेमारी में करीब 35 टन से अधिक बैन प्लास्टिक जब्त की जा चुकी है। साथ ही 10 लाख रुपए जुर्माना भी वसूल किया गया है।

डीके सिन्हा, अपर नगर आयुक्त