नई दिल्ली (पीटीआई)। एक तरफ देश में कोरोना के मामले रोजाना बढ़ रहे। ऐसे में सीबीएसई एक जुलाई से बचे हुए एग्जाम कराने जा रहा है। इसके खिलाफ अब बच्चों के पैरेंट्स ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। इसको लेकर एक याचिका दायर की गई जिसमें (सीबीएसई) की बारहवीं कक्षा की शेष परीक्षाओं के आयोजन के लिए एक जुलाई से 15 जुलाई तक की परीक्षा तिथि पर रोक की मांग की गई। याचिकाकर्ताओं का कहना है कि, बोर्ड पहले हो चुके एग्जाॅम के आधार पर बाकी विषयों में नंबर दे।

एग्जाॅम रद कराने को लेकर याचिका दायर

केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने संपूर्ण लाॅकडाउन हटने के बाद बची हुई परीक्षाओं के आयोजन को लेकर एक नोटिस जारी किया था। जिसमें बोर्ड का कहना है कि वह एक जुलाई से बचे हुए विषयों के एग्जाॅम कंडक्ट कराएगा। मगर अभिभावकों का कहना है कि देश में कोरोना संक्रमितों की संख्या में जिस तरह से लगातार इजाफा हो रहा। इस बीच स्कूलों में एग्जाॅम देना बच्चों के लिए खतरे से खाली नहीं है। याचिका में सीबीएसई की 18 मई की अधिसूचना को रद्द करने के लिए शीर्ष अदालत से आग्रह किया गया। साथ ही यह भी कहा गया कि, अदालत द्वारा याचिका पर फैसला होने तक इसे बरकरार रखा जाए।

दिव्यागों को छूट दे रहा बोर्ड

याचिका में यह भी कहा गया कि, जिस वक्त सीबीएसई एग्जाॅम करवाएगा। उस वक्त देश में कोरोना अपने पीक पर होगा। ऐसे में COVID-19 महामारी के खतरे को देखते हुए, CBSE अपने लगभग 250 स्कूलों के लिए दसवीं और बारहवीं कक्षा की परीक्षाओं को रद्द करे। बता दें केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) 10वीं 12वीं की लंबित परीक्षा में शामिल होने वाले उन दिव्यांग बच्चों को विशेष छूट दी है जिन्हें किसी सहायक की मदद से परीक्षा देनी है। बोर्ड ने ऐेसे छात्रों को परीक्षा में शामिल ना होने का विकल्प देते हुए कहा कि उनके परिणाम वैकल्पिक मूल्यांकन योजना के अनुसार घोषित किए जाएंगे। बोर्ड का कहना है कि सहायक के साथ परीक्षा देने वाली प्रक्रिया में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करा पाना मुश्किल होगा।

National News inextlive from India News Desk