श्रीहरिकोटा (पीटीआई)। कार्टोसैट-3 भारत का सबसे जटिल और एडवांस अर्थ इमेजिंग सैटेलाइट है। ध्यान रहे कि इससे पहले इसरो ने मिशन चंद्रयान-2 लांच किया था जिसका लैंडर विक्रम चंद्रमा की सतह पर 7 सितंबर को साॅफ्ट लैंड न करने की वजह से क्रैश हो गया था। इसरो ने बताया कि लांच के 26.56 मिनट बाद ही अमेरिका के सभी 13 नैनो उपग्रह पृथ्वी की कक्षा में स्थापित हो गए थे। कार्टोसैट-3 के कक्षा में सफलतापूर्वक स्थापित होते ही सिवन और अन्य वैज्ञानिक खुशी से झूम उठे। इधर पीएम मोदी ने भी इसरो को बधाई दी है।


इसरो का बनाया अब तक का सबसे एडवांस निगरानी उपग्रह
बाद में सिवन ने मिशन कंट्रोल सेंटर से कहा कि पीएसएलवी-सी47 ने 13 कस्टमर सैटेलाइट के साथ कार्टोसैट-3 सफलतापूर्वक 509 किमी ऊपर कक्षा में सफलतापूर्वक स्थापित कर दिया गया है। इसकी घोषणा करते हुए उन्हें काफी प्रसन्नता हो रही है। उन्होंने बताया कि कार्टोसैट देश का हाई रिजाॅल्यूशन सिविलियन उपग्रह है। इसरो का अब तक का बनाया गया यह सबसे जटिल और एडवांस अर्थ ऑब्जर्वेशन सैटेलाइट है। उन्होंने इस सफलता के पीछे लगी टीम को भी बधाई दी।

 

मार्च तक 13 मिशन हैं लाइन में
भविष्य के मिशन को लेकर इसरो चीफ ने कहा कि अभी हमारे पास बहुत काम है, मार्च 2020 तक 13 मिशन एक के बाद एक लाइन में हैं। इस वंडरफुल मिशन के बाद आप हमसे पूछ सकते हैं कि आगेे क्या है? हमारा काम बहुत ही साधारण है। मार्च तक हमारे पास 13 मिशन है। इसमें छह लांच व्हीकल मिशन और सात सैटेलाइट मिशन शामिल हैं। इन्हें हमें मार्च से पहले पूरा करना है। टीम इसरो हमेशा की तरह जरूरतों को पूरा करने के लिए चुनौतियों से निपटकर हर मिशन को सफलता के अंजाम तक पहुंचाएगा। मिशन चंद्रयान-2 के बाद इसरो चीफ पहली बार इतने खुश नजर आ रहे थे। ध्यान रहे कि मिशन चंद्रयान-2 जरूरी सफलता नहीं पा सका था।

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