नई दिल्ली (पीटीआई)। हर महीने प्रसारित होने वाले कार्यक्रम 'मन की बात' में आजादी के बाद से कांग्रेस की आर्थिक नीतियों पर भी कटाक्ष किया। उन्होंने कहा कि यदि देश ने महात्मा गांधी के विचारों को क्रियान्वित किया होता तो आज 'आत्मनिर्भर भारत' जैसा कोई अभियान चलाने की जरूरत नहीं पड़ती। भारत पहले ही अपने पैरों पर खड़ा हो चुका होता।

आत्मनिर्भर भारत में किसानों की भूमिका महत्वपूर्ण

किसानों की प्रशंसा करते हुए पीएम ने कहा कि उन्होंने अपनी मेहनत के दम पर देश के कृषि सेक्टर को मजबूती दी है। उनका कहना था कि किसान देश को आत्मनिर्भर बनाने में जी जान से जुटे हैं। वे इसमें महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं। यह उन्होंने कोविड-19 महामारी के दौरान दिखाया भी है। यह मजबूत है और आत्मनिर्भर भारत की नींव को भी मजबूत करेगा।

एपीएमसी एक्ट नियंत्रित मंडी से आजादी मतलब ज्यादा लाभ

पीएम ने कहा कि उन्हें बहुत सारे किसानों से पत्र मिला है। उन्होंने किसानों के बड़े समूहों से भी चर्चा की है। वे कृषि क्षेत्र में बड़े बदलावों के साक्षी रहे हैं और उन्होंने इस क्षेत्र में काम करके दिखाया है। उन्होंने हरियाणा के किसान का उदाहरण दिया कि कैसे उन्होंने 2014 में एग्रीकल्चरल प्रोड्यूस मार्केट कमेटी एक्ट (एपीएमसी) नियंत्रित मंडी के बाहर फल और सब्जियों से लाभ कमाया है।

जहां ज्यादा कीमत मिले वहां उपज बेचने की आजादी

पीएम ने इसी तरह का एक और उदाहरण महाराष्ट्र, तमिलनाडु और उत्तर प्रदेश के किसानों का दिया, जिन्होंने अपना एक समूह बनाया और बिचौलियों से आजादी पाकर अपने कृषि उत्पादों से ज्यादा लाभ कमाया। उन्होंने कहा, 'अब इन लोगों को न सिर्फ फल और सब्जियाें को बेचने की आजादी मिल गई है बल्कि वे जो भी उपज जैसे धान, गेहूं, सरसों, गन्ना इत्यादि को जहां ज्यादा कीमत मिल रही है वहां बेचने की आजादी मिल गई है।'

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