VARANASI: अपने ससंदीय क्षेत्र में श्री काशी विश्वनाथ मंदिर कॉरिडोर परियोजना का शिलान्यास करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि जब छात्र जीवन में यहां आता था तो मुझे लगता था कि यहां के लिए कुछ करना चाहिए। सौभाग्य देखिए कि मां गंगा ने मुझे बुला लिया। भोले बाबा के आशीर्वाद से सपना साकार हुआ। केंद्र में सरकार बनने के बावजूद मुझे तीन साल तक इंतजार करना पड़ा लेकिन बाबा के आशीर्वाद ने सब मंगल कर दिया। भोले बाबा ने तय किया होगा कि यहां आओ और कुछ करके दिखाओ। बाबा की शक्ति और हमारे व आपके इच्छाशक्ति व भक्ति से ऐसा स्थान बन गया कि मां गंगा से सीधे बाबा विश्वनाथ जुड़ गए हैं। अब सूर्य की पहली किरण मां गंगा और बाबा विश्वनाथ मंदिर पर पड़ेगी।

 

योगी सरकार ने किया मुमकिन

शुक्रवार की सुबह श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर में पूजन-अर्चन के बाद पीएम नरेंद्र मोदी ने कुदाल चलाकर कॉरिडोर परियोजना का शिलान्यास किया। बनारस में 19वें दौरे पर आए पीएम के संग गवर्नर राम नाइक, सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र नाथ पांडेय मौजूद रहे। पीएम ने कहा कि यह काम तो कठिन था लेकिन सूबे में योगी आदित्यनाथ की सरकार ने सब मुमकिन कर दिखाया। सरकारी मुलाजिम तो बहुत देखे हैं लेकिन काशी के मुलाजिमों ने तो कमाल कर दिया। बाबा विश्वनाथ, मां अन्नपूर्णा और मां गंगा के जयघोष के साथ प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि मेरा सौभाग्य कि जो सपना संजोया था उसे पूरा करने की और पहला कदम बढ़ा दिया।

 

कॉरिडोर पर बने डॉक्यूमेंट्री

उन्होंने कहा कि कई सालों से बाबा विश्वनाथ का यह धाम जकड़ा हुआ था जिसे अब मुक्ति मिली है। उन भवन मालिकों को एक सांसद के नाते शुक्रिया अदा करता हूं, जिन्होंने अपनी प्रापर्टी बाबा विश्वनाथ धाम कॉरिडोर परियोजना के लिए दिया। बीएचयू के पुरातत्व विभाग के छात्रों का आह्वान किया कि वो आएं और इन मंदिरों पर रिसर्च करें ताकि दुनिया इनके बारे मे भी जान सके। डॉक्यूमेंट्री फिल्म बने जिसमें यह दर्शाया जाए कि कॉरिडोर का विस्तार कैसे हुआ? ताकि आने वाली पीढ़ी भी धर्म की नगरी काशी के प्राचीन धरोहरों को जान सके।

 

70 साल खामोश थी शासन व्यवस्था

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि शुरू से ही यह स्थान दुश्मनों के निशाने पर रहा है लेकिन आस्था ने इसे जिंदा रखा है। गांधी जी भी जब यहां आये तो उन्होंने भी अपनी पीड़ा जाहिर की थी कि बाबा विश्वनाथ का स्थान ऐसा क्यों? महारानी अहिल्या बाई होल्कर के बाद हमने इसके पुनरोद्धार का बीड़ा उठाया है। कहा कि आप सोमनाथ मंदिर जाएंगे तो वहां भी महारानी की भूमिका नजर आएगी। पुरानी सरकारों पर हमला बोलते हुए पीएम ने कहा कि पिछले काल खंड में भोले बाबा का ख्याल किसी ने नहीं रखा। 40 से ज्यादा मंदिर जो घरों में छुपे हुए थे उसके ऊपर लोगों ने किचन बना दिया था। शासन व्यवस्था 70 सालों तक चुप रही।

 

कब क्या हुआ

400 साल

पहले औरंगजेब के जमाने में नारायण भट्ट ने श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर का जीर्णाद्धार कराया था।

250 साल

पहले इंदौर की महारानी अहिल्याबाई होल्कर ने एक बार फिर से मंदिर का जीर्णाद्धार कराया।

1780 में

अहिल्याबाई ने ही मंदिर के शिखर को स्वर्ण पत्र से मढ़वाया और 200 बाई 200 वर्ग फीट में मंदिर को स्वरूप दिया।

2017 में

विश्वनाथ मंदिर कॉरिडोर परियोजना के लिए मंदिर के आस-पास के भवनों के अधिग्रहण ने जोर पकड़ा और अनवरत चल रहा है।

2019 में

विधिवत कॉरिडोर परियोजना के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शिलान्यास किया है। यह परियोजना 1.5 वर्ष में पूरा करने का लक्ष्य है।

 

आंकड़ों में पूरी परियोजना

करोड़ की है कॉरिडोर परियोजना

360

करोड़ से फ‌र्स्ट फेज में होगा काम शुरू

24

हजार स्क्वायर फीट में फ‌र्स्ट फेज का काम

238

मकानों की हो चुकी है रजिस्ट्री

271

मकान आएंगे कॉरिडोर के दायरे में

40

हजार स्क्वायर फीट में होगा कॉरिडोर

2021

तक कॉरिडोर कार्य के पूरा होने की है उम्मीद

 

इतना कुछ होगा कॉरिडोर में

- ललिता घाट गंगा तट पर स्काई व्यू की तर्ज पर पहला निर्माण

-काशी विश्वनाथ मंदिर परिसर एरिया दस गुना बढ़ाने की तैयारी

-सुविधा केंद्र में लॉकर, शौचालय, पेयजल, क्लीनिक और वेटिंग हॉल

- गंगा तट की तरफ ऊंचाई के मद्देनजर रैंप व स्केलेटर की सुविधा

- कॉरिडोर के तहत वैदिक अनुसंधान केंद्र व प्रेक्षागृह की स्थापना

- जलासेन घाट की ओर गेस्ट हाउस, अस्पताल और मुमुक्षु भवन

- कालिका गली की ओर से भव्य भोगशाला तथा पुजारी रेस्ट रूम

- कारमाइकल लाइब्रेरी को व‌र्ल्ड लेवल लाइब्रेरी बनाने का तैयारी

- पूरे कॉरीडोर की चार लेयर्स में सिक्योरिटी का एडवांस अरेंजमेंट

- सिक्योरिटी फोर्स के लिए बैरक, मेस और कैंप ऑफिस

-श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर विस्तारीकरण के लिए कॉरिडोर प्रोजेक्ट का हुआ शिलान्यास

- बचपन की मनोकामना अब हुई पूरी, सूर्य की पहली किरण अब पड़ेगी भोलेनाथ: पीएम