रोहतांग (पीटीआई)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण 9.02 किलोमीटर लंबी अटल सुरंग रोहतांग का उद्घाटन कर देश को एक बड़ी साैगात दी है। इस अवसर पर देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, चीफ ऑफ डिफेस स्टाफ जनरल बिपिन रावत और हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर भी मौजूद रहे। ये दुनिया की सबसे लंबी हाईवे टनल है। इससे लेह और मनाली के बीच की 46 किलोमीटर दूरी कम हो जाएगी।दोनों स्‍थानों के बीच यात्रा के समय को चार से पांच घंटे कम कर देगी।


अटल सुरंग घोड़े की नाल के आकार में बनी
अब अटल सुरंग मनाली को पूरे साल लाहौल-स्पीति घाटी से जोड़ेगी। इससे पहले घाटी हर साल लगभग करीब 6 महीने तक भारी बर्फबारी के कारण अन्य हिस्सों से कट जाती थी। आधिकारिक वेबसाइट पीएमइंडिया डाॅट जीओवी डाॅट इन के मुताबिक अटल टनल का दक्षिण पोर्टल (एसपी) मनाली से 25 किलोमीटर दूर 3060 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है, जबकि इसका उत्तर पोर्टल (एनपी) लाहौल घाटी में तेलिंगसिस्सुगांव के पास 3071 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। यह घोड़े की नाल के आकार में बनी है।


26 मई 2002 को इसकी आधारशिला रखी गई
अटल टनल अधिकतम 80 किलोमीटर प्रति घंटे की गति के साथ प्रतिदिन 3000 कारों और 1500 ट्रकों के यातायात घनत्‍व के लिए डिजाइन की गई है। अटल बिहारी वाजपेयी सरकार ने 3 जून, 2000 को रोहतांग दर्रे के नीचे सुरंग बनाने का निर्णय लिया था और 26 मई 2002 को इसकी आधारशिला रखी गई थी। पीएम मोदी ने सरकार ने दिवंगत पूर्व प्रधानमंत्री को अटल बिहारी वाजपेयी के सम्मान में दिसंबर 2019 में रोहतांग सुरंग का नाम अटल सुरंग के रूप में रखने का फैसला किया था।

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