-कोविड 19 पीडि़त परिवार के मुखिया से की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बात

-पीएम ने 'मन की बात' के दौरान लिया कोरोना संक्रमित परिवार का हालचाल

-शू-एक्सपोर्टर परिवार के 5 व्यक्तियों पर हुआ था कोरोनावायरस का अटैक

आगरा: आगरा के लिए ये बड़ा अवसर था, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आगरा के कोविड 19 पीडि़त परिवार के मुखिया से बात की। रविवार को 'मन की बात' में पीएम मोदी ने ताजनगरी में फोन किया और देशभर की जनता के सामने कोरोना संक्रमण, उसके उपचार, अस्पताल में सुविधाओं की बात जानते हुए इस परिवार की हौसलाआफजाई भी की। साथ ही यह भी कहा कि आप अपने अनुभव को देशवासियों के साथ साझा करें। और बताएं कि घबराने की जरूरत नहीं है। बस, लॉकडाउन का पालन करते हुए जागरूक बने रहें।

कोविड 19 फाइटर हैं अशोक

रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के नागरिकों को मन की बात में संबोधित किया। इसी दौरान उन्होंने देश के दो ऐसे परिवारों से फोन पर बात की, जो कोविड 19 से संक्रमित थे। प्रधानमंत्री ने कोविड 19 फाइटर्स में शामिल आगरा के शू-एक्सपोर्टर परिवार के मुखिया अशोक कपूर से फोन पर बात की। करीब 5:08 मिनट पर तक फोन पर प्रधानमंत्री ने 73 वर्षीय अशोक कपूर से बातचीत की। बता दें कि आगरा में अशोक कपूर की फैमिली सबसे पहले कोरोना से संक्रमित पाया गया था। यहां पीएम की अशोक कपूर से बातचीत के कुछ अंश

पीएम-आपका परिवार संक्रमण के दायरे में कैसे आया?

अशोक कपूर-आगरा में हमारा शू मैन्युफैक्चरिंग का काम हैं। मेरे दो बेटे इस काम को संभालते हैं और दोनों कारोबार के सिलसिले में पिछले दिनों इटली शू-फेयर में भाग लेने गए थे। बेटों के अलावा दिल्ली से दामाद भी इस शू-फेयर में शामिल हुए थे। जब ये लोग वहां से घूूूमकर लौटे तो दामाद को दिल्ली में संक्रमण की शिकायत हुई। दिल्ली के राममनोहर लोहिया अस्पताल में दामाद में संक्रमण की पुष्टि होने के बाद हमारे दोनों बेटे आगरा के जिला अस्पताल में संदेह होने पर जांच के लिए गए।

पीएम-फिर क्या हुआ?

अशोक कपूर-यहां दोनों बेटों की जांच के बाद डॉक्टर्स ने बोला कि अपने परिवार के अन्य सदस्यों को भी जांच के लिए बुला लें। इसके बेटों के अलावा दोनों परिवार के सभी सदस्यों की जांच हुई। जांच में मैं, मेरी पत्‍‌नी, दोनों बेटों, एक बेटे की पत्‍‌नी और एक 16 वर्षीय ग्रांड सन (पौत्र) में कोरोनावायरस की पुष्टि हुई। जिसके बाद हमें जिला अस्पताल के डॉक्टर्स ने बोला कि आपको इलाज के लिए दिल्ली जाना है। इसके बाद हमें डॉक्टर्स के साथ दो एंबुलेंस से दिल्ली ले जाया गया। वहां सफदरजंग हॉस्पिटल में डॉक्टर हमें बाहर ही खड़े मिले। हमसे कोई इलाज, जांच या एंबुलेंस का कोई पैसा नहीं लिया गया।

पीएम-फिर क्या हुआ?

अशोक कपूर-हमें दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में भर्ती कराया गया। यहां सभी को अलग-अलग कर दिया गया और अलग कमरों में कड़ी निगरानी के बीच रखा गया। आगरा और दिल्ली में मेडिकल की टीम ने मेरा और मेरे परिवार का पूरा सहयोग किया। डॉक्टर्स हमारा लगातार परीक्षण करते थे, हमारा हौसला भी बढ़ाते थे और परिवार के साथ बात भी कराते थे। खाना और दवाई लेकर स्टाफ कमरे में आता था। वे लोग ऐसे सूट पहने थे कि ये नहीं पता चलता था कि वे डॉक्टर हैं या नर्स। वहां 14 दिन रहने के बाद मेरे परिवार के सदस्य स्वस्थ होकर लौट आए हैं। इसके लिए ईश्वर, आपका और डॉक्टरों का धन्यवाद।

पीएम-तो अब आपका विश्वास मजबूत है?

अशोक कपूर- 'आई एम परफेक्ट', मेरी उम्र 73 साल है और मैं और मेरा परिवार पूरी तरह स्वस्थ है। मेरे और परिवार के सामने बहुत विषम परिस्थिति थी। मेरे पौत्र के आईसीआईसीआई बोर्ड के एग्जाम थे। उसी दौरान संक्रमण हुआ, लेकिन हम ने उसे परीक्षा देने से मना कर दिया। कहा कि-पेपर बाद में देखेंगे, जान है तो जहान है।

पीएम-इलाज कैसा रहा?

अशोक कपूर-आगरा प्रशासन की ओर से हमें दो एंबुलेंस उपलब्ध कराई गईं। फ्री ऑफ कॉस्ट वो हमें आगरा से दिल्ली ले गईं। साथ में यहां से डॉक्टर भी गए। उन्होंने सभी को अलग-अलग कमरों में रखा। कमरे बहुत अच्छे थे। सभी सुविधाएं हमें दी गईं।

पीएम-आप आगरा में सेवा कीजिए, भूखों को भोजन कराइए, नियमों का पालन कीजिए। अपने अनुभवाें को दूसरों को अवगत कराइए। इसके लिए सोशल मीडिया को चुनें, उस पर लोगों को जागरूक कीजिए। लोगों को समझाइए।

अशोक कपूर-अस्पताल से लौटने के बाद उन्होंने वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर साझा किया है और अपनी कॉलोनी के लोगों को भी अपील कर रहे हैं कि डरने की बात नहीं है। यदि किसी को संक्रमण का डर है तो वह टेस्ट कराएं और इलाज मुमकिन है।

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फैक्ट्री के मैनेजर को भी हुआ था कोरोना

आगरा के अशोक कपूर से मन की बात के दौरान पीएम मोदी की बातचीत दिनभर सोशल मीडिया पर ट्रेंड करती रही। वहीं बता दे कि कपूर फैमिली के 6 मेंबर्स में एक अशोक कपूर की पत्‍‌नी को एक-दो दिन बाद ही सफदरजंग अस्पताल से पुणे से आई रिपोर्ट में निगेटिव होने के बाद क्वारंटाइन में भेज दिया गया था। वहीं शू-एक्सपोर्टर फैमिली के अलावा इनकी कंपनी में काम करने वाले मैनेजर और उसकी पत्‍‌नी भी बाद में जांच के बाद पॉजिटिव आए थे। फिलहाल सभी सातों पेशेंट दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल से रिलीव कर दिए गए हैं। और वे घर पर होम क्वारंटाइन में हैं।