नई दिल्ली (एएनआई)। प्रसिद्ध अर्थशास्त्री और पद्म श्री पुरस्कार से सम्मानित प्रोफेसर राधा मोहन का निधन से देश में शोक की लहर दाैड़ गई है। प्रोफेसर राधा मोहन का ओडिशा के एक निजी अस्पताल में इलाज चल रहा था। वह 78 वर्ष के थे। उनके निधन पर दुख जताते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्विटर पर लिखा, प्रोफेसर राधामोहन विशेष रूप से स्थायी और जैविक प्रथाओं को अपनाने के प्रति बेहद जुनूनी थे। उन्हें अर्थव्यवस्था और पारिस्थितिकी से संबंधित विषयों पर उनके ज्ञान के लिए भी सम्मानित किया गया था। पीएम मोदी ने कहा कि वह उनके निधन से दुखी हैं, उनके परिवार और प्रशंसकों के प्रति संवेदना। ओम शांति!


मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने भी शोक व्यक्त किया
ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने भी शोक व्यक्त किया। उन्होंने कहा गांधीवादी और पद्म श्री पुरस्कार से सम्मानित प्रोफेसर राधा मोहन के निधन से दुख हुआ। अर्थशास्त्री से पर्यावरणविद बने राधा मोहन का स्थायी जैविक खेती में विशिष्ट योगदान था। मेरी सवेंदनाएं उनके परिजनों के साथ हैं। इनके अलावा कई अन्य नेताओं ने भी दुख जताया है।
2020 में पद्म श्री से सम्मानित किया गया था
राधा मोहन के अंदर खेती को लेकर एक अलग ही जुनून था। उनके जुनून में उनकी बेटी भी साथ देती थी। इसका सबसे बड़ा उदाहरण ये है कि राधा मोहन और उनकी बेटी ने जैविक खेती माध्‍यम से बंजर भूमि भी हरे-भरे जंगल में बदल दिया था। ऐसे में पिता-पुत्री की जोड़ी कृषि क्षेत्र में योगदान के लिए पिछले साल 2020 में पद्म श्री से सम्मानित किया गया था।

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