प्रधानमंत्री नहीं चौकीदार हुं

मध्यप्रदेश में थर्मल पावर प्लांट के उद्घाटन पर भाषण देते हुए पीएम मोदी ने कहा कि वह दिल्ली में एक प्रधानमंत्री की हैसियत से नहीं बल्कि एक चौकीदार की हैसियत के रूप में काम कर रहे हैं. उन्होंने कहा, 'इंसान को ऊर्जा से वंचित करना मानवता को पीछे धकेलने के बराबर है. हमें अगर आज साफ पानी पीने को मिल रहा है तो इसलिए क्योंकि हमारे पुरखों ने पानी को बचाने की कोशिश की. हम आज अगर किसी पेड़ की छाया ले पा रहे तो वह इसलिए है कि हमारे पुरखे 20 साल पहले एक पेड़ लगाकर गए थे. बिजली बनाने के साथ ही यह भी जरूरी है कि हमें जो बिजली प्राप्त हो रही है हम उसको बचाने की कोशिश करें. मध्यप्रदेश में जल्द बिजली की कमी खत्म होगी और सस्ती ऊर्जा के उत्पादन का उदाहरण बनेगा.

किसानों को भड़काया जा रहा है

पीएम मोदी ने अपने भाषण में कहा कि किसानों को आजकल भड़काया जा रहा है. गांवों में किसानों को रोड्स चाहिए, घर चाहिए, स्कूल चाहिए. इन सब इंतजामों के लिए जमीन चाहिए. लेकिन पिछली सरकार ऐसा कानून बनाया था जिसके चलते जमीन प्राप्त नहीं की जा सकती थी. पीएम मोदी ने कहा, 'मध्यप्रदेश की 4 खदानों की नीलामी से 40 हजार करोड़ रुपया आएगा. 204 में से अभी सिर्फ 19 की बोली लगी है, जिसमें से करीब 1 लाख 10 हजार करोड़ की बोली लग चुकी है. हमने 100 दिन के भीतर ऑक्शन का निर्णय किया.' इसके बाद कांग्रेस के ऊपर निशाना साधते हुए पीएम मोदी बोले, '204 कोयले की खदान कैसे दी गई थी. दिल्ली में एक घर से कागज की चिट निकलती थी. एक परिवार तय करता था कि किस को क्या मिलेगा. लेकिन अब मैं पाई-पाई का हिसाब रखूंगा.

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