नई दिल्ली (एएनआई)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए शनिवार को सुबह 11 बजे भारत खिलौना मेला 2021 का उद्घाटन किया है। इस अवसर पर पीएम माेदी ने अपने संबोधन में कहा कि ये हम सब के लिए आनंद की बात है कि आज हम देश के पहले खिलौना मेले की शुरुआत का हिस्सा बन रहे हैं। ये केवल एक व्यापारिक और आर्थिक कार्यक्रम नहीं है, ये देश की सदियों पुरानी खेल और उल्लास की संस्कृति को मजबूत करने की एक कड़ी है। पीएम मोदी ने कहा कि सिंधुघाटी सभ्यता, मोहनजोदाड़ो और हड़प्पा के दौर के खिलौनों पर पूरी दुनिया ने रिसर्च की है। प्राचीन काल में दुनिया के यात्री जब भारत आते थे, तो भारत में खेलों को सीखते भी थे और अपने साथ लेकर भी जाते थे।

भारतीय खेल और खिलौनों की ये खूबी रही है कि उनमें ज्ञान होता है

आज जो शतरंज दुनिया में इतना लोकप्रिय है, वो पहले &चतुरंग या चादुरंगा&य के रूप में भारत में खेला जाता था। आधुनिक लूडो तब &पच्चीसी&य के रुप में खेला जाता था। हमारे धर्मग्रन्थों में भी बाल राम के लिए अलग-अलग कितने ही खिलौनों का वर्णन मिलता है। भारतीय खेल और खिलौनों की ये खूबी रही है कि उनमें ज्ञान होता है, विज्ञान भी होता है, मनोरंजन होता है और मनोविज्ञान भी होता है। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में प्ले-आधारित और गतिविधि-आधारित शिक्षा को बड़े पैमाने पर शामिल किया गया है।

पीएम मोदी बोले देश में 85% खिलौने विदेशों से मंगाए जाते

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यह भी कहा कि देश में 85% खिलौने विदेशों से मंगाए जाते हैं। पिछले 7 दशकों में भारतीय कारीगरों और भारतीय विरासत की जो उपेक्षा हुई है, उसका परिणाम ये है कि भारत के बाज़ार से लेकर परिवार तक में विदेशी खिलौने भर गए हैं। सिर्फ खिलौना नहीं आया है, एक विचार प्रवाह हमारे घर में घुस गया है।

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