नई दिल्ली (एएनआई)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को राष्ट्रीय राजधानी में कस्तूरबा गांधी मार्ग और अफ्रीका एवेन्यू में रक्षा कार्यालय परिसरों का उद्घाटन किया। इस मौके पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत, केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी और सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे भी मौजूद रहे। न्यूज एजेंसी एएनआई के ट्वीट के मुताबिक इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि ये नया डिफेंस ऑफिस कॉम्प्लेक्स हमारी भारतीय सेनाओं के कामकाज को अधिक सुविधाजनक, अधिक प्रभावी बनाने के प्रयासों को और सशक्त करेगा। हम सभी 21वीं सदी के भारत की सैन्य ताकत को हर तरह से मजबूत बनाने में एक से एक आधुनिक हथियारों से लैस करने में जुटे है। ऐसे में देश की सुरक्षा से जुड़ा कामकाज दशकों पुराने परिसरों में हो वह कैसे संभव हो सकता है?

पुराने रक्षा परिसरों की हालत काफी खराब थी

प्रधानमंत्री मोदी ने यह भी कहा कि डिफेंस ऑफिस परिसरों का जो काम 24 महीने में पूरा होना था वो 12 महीनों में पूरा किया गया। वो भी तब जब वैश्विक महमारी कोरोना वायरस से बनी परिस्थितियों में श्रमिकों से लेकर दूसरी अन्य चुनौतियों से हम गुजरे थे। कोरोना काल में सैकड़ों श्रमिकों को इस परियोजना में रोजगार मिला है। वहीं रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि पुराने रक्षा परिसरों की हालत काफी खराब हो गई थी। वे टूटने के कगार पर थे। अब 7,000 से अधिक कर्मचारी और अधिकारी नए परिसर में अच्छी कार्यकारी परिस्थितियों में काम कर सकेंगे। ये परिसर 21वीं सदी की जरूरतों के हिसाब से बनाए गए हैं और यहां हर तरह की सुविधाएं भी उपलब्ध हैं।

एलजीएसएफ तकनीक से बनाए गए हैं ये भवन

नए रक्षा कार्यालय भवन आधुनिक, सुरक्षित और कार्यात्मक कार्य स्थान प्रदान करेंगे। भवन संचालन के प्रबंधन के लिए एक एकीकृत कमान और नियंत्रण केंद्र की स्थापना की गई है।प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से जारी बयान के मुताबिक नए रक्षा कार्यालय परिसर व्यापक सुरक्षा प्रबंधन उपायों के साथ अत्याधुनिक और ऊर्जा कुशल हैं। इन्हें एलजीएसएफ (लाइट गेज स्टील फ्रेम) नामक नई और टिकाऊ निर्माण तकनीक का उपयोग कर बनाया गया है। एलजीएसएफ ने पारंपरिक आरसीसी निर्माण के मामले में निर्माण समय को 24-30 महीने से कम कर दिया

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