नई दिल्ली (एएनआई)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को भारत में 'प्रौद्योगिकी सक्षम विकास' पर बजट के बाद एक वेबिनार को संबोधित किया। इस दाैरान प्रधानमंत्री मोदी ने सूचना और प्रौद्योगिकी (आईटी) और इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र से ई-कचरा प्रबंधन, विद्युत गतिशीलता समाधान और परिपत्र अर्थव्यवस्था के लिए विचार आमंत्रित किए। पीएम मोदी ने कहा कि राष्ट्र को 'स्वच्छ भारत मिशन' को आगे बढ़ाने के लिए प्रौद्योगिकी यानी कि टेक्नोलाॅजी की मदद से ई-कचरे को संभालने के लिए अनोखे तरीकों की पहचान करनी चाहिए।

आईटी और इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र से विचार मांगे

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि मैं आप सभी से इस वेबिनार के दौरान सर्कुलर इकोनॉमी, ई-वेस्ट मैनेजमेंट और इलेक्ट्रिक मोबिलिटी सॉल्यूशंस पर ध्यान केंद्रित करने का आग्रह करता हूं। भारत सरकार इन पहलुओं पर आईटी और इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र से विचार मांगती है। यह कहते हुए कि विज्ञान सार्वभौमिक है लेकिन प्रौद्योगिकी स्थानीय होनी चाहिए प्रधानमंत्री ने कहा, विज्ञान और प्रौद्योगिकी एक अलग क्षेत्र नहीं है। इसका कारण ये है कि ये डिजिटल अर्थव्यवस्था के साथ निकटता से जुड़ा हुआ है और उन्नत तकनीक पर आधारित है।

नागरिक सशक्तिकरण पर ध्यान केंद्रित है

अब यह तेजी से वितरण और नागरिक सशक्तिकरण पर ध्यान केंद्रित कर रहा है। पीएम ने यह भी कहा कि केंद्रीय बजट 2022-23 कौशल कार्यक्रमों पर केंद्रित है जो निरंतर कौशल के रास्ते, स्थिरता और रोजगार को बढ़ावा देगा। बुनियादी ढांचे की उन्नति प्रौद्योगिकी से संबंधित है। सार्वजनिक वितरण प्रणाली को भी डिजिटल प्लेटफॉर्म से जोड़ा जा रहा है।

5G तकनीक विकास को सक्षम कर सकती

इसके साथ ही कहा आत्म निर्भर भारत के निर्माण में प्रौद्योगिकी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। सामान्य रूप से दूरसंचार और विशेष रूप से 5G तकनीक विकास को सक्षम कर सकती है और नौकरी के अवसर प्रदान कर सकती है।वहीं 2022-23 के भीतर 5G मोबाइल सर्विसेज के रोलआउट की सुविधा के लिए 2022 में स्पेक्ट्रम की नीलामी भी तैयारी हो रही है।

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