नई दिल्ली (पीटीआई)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार शाम नव-नामांकित कर्तव्य पथ का उद्घाटन करेंगे। प्रधानमंत्री कार्यालय के अनुसार- "सत्ता के प्रतीक तत्कालीन राजपथ का नाम बदलकर कर्तव्य पथ करना जन प्रभुत्व और सशक्तिकरण का एक उदाहरण है।" इसके साथ ही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी नेताजी सुभाष चन्द्र बोस की मूर्ति का अनावरण भी करेंगे। प्रधानमंत्री ने लाल किले से अपने एतिहासिक भाषण में कहा था- 'औपनिवेशिक मानसिकता के किसी भी निशान को हटा दें' यह कदम अमृत काल में भारतीय प्रधानमंत्री के दूसरे पंच प्राण के अनुरुप है।

ट्रैफिक किया जायेगा डायवर्ट
यातायात पुलिस ने सेंट्रल दिल्ली में वाहनों की सुचारू रुप से आवाजाही सुनिश्चित करने के लिए व्यवस्था की है, आयोजन के दौरान वाहनों के आवाजाही के लिए प्रतिबंध लगाए गए हैं। यातायात अधिकारियों ने बताया कि शाम छह बजे से रात नौ बजे तक सामान्य यातायात को अन्य सड़कों से डायवर्ट किया जाएगा।

बुधवार को एनडीएमसी ने दी मंजूरी
नई दिल्ली नगर परिषद ने राजपथ साइनेज को 'कर्तव्य पथ' के नए साइनबोर्ड के साथ रिप्लेस कर दिया है। बुधवार को एनडीएमसी ने राजपथ का नाम बदलकर 'कर्तव्य पथ' करने के प्रस्ताव को अपनी अंतिम मंजूरी दी थी। शापूरजी पल्लोनजी एंड कंपनी लिमिटेड ने विजय चौक से इंडिया गेट तक का पुनर्विकास किया है। शापूरजी पल्लोनजी एंड कंपनी लिमिटेड कम्पनी को इस कार्य के लिए 477 करोड़ रुपये का टेंडर निर्धारित हुआ था। इसका पुनर्निमाण मोदी सरकार की महत्वाकांक्षी सेंट्रल विस्टा पुनर्विकास परियोजना के तहत किया गया है। प्रधानमंत्री कार्यालय के बयान के अनुसार वर्षों से, राजपथ और सेंट्रल विस्टा एवेन्यू के आसपास के क्षेत्रों में दर्शकों का ट्रैफिक लगातार बढ़ता जा रहा है। इसलिए इसके बुनियादी ढांचे पर जोर दिया गया है। इसमें सार्वजनिक शौचालय, पीने के पानी, स्ट्रीट फर्नीचर और पर्याप्त पार्किंग स्थान जैसी बुनियादी सुविधाओं के न होने से दर्शकों को कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा था। इसलिए इन बुनियादी सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए पुनर्विकास का कार्य किया गया है।

28 फुट है प्रतिमा की लंबाई
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज शाम नेताजी सुभाष चन्द्र बोस की मूर्ति का अनावरण करेंगे। पराक्रम दिवस के अवसर पर नेताजी की होलोग्राम मूर्ति का अनावरण किया गया था। नेताजी की मूर्ति अरुण योगीराज द्वारा तैयार की गयी है। इस प्रतिमा की लंबाई 28 फुट है और इसका वजन 65 मीट्रिक टन है। मूर्ति को ग्रेनाइट के पत्थर से तैयार किया गया है।

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