लखनऊ (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल में मंगलवार को एक नया सवेरा हुआ जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लखनऊ को गाजीपुर से जोड़ने वाले 341 किलोमीटर लंबे पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे का मंगलवार को सुल्तानपुर जिले के करवल खीरी में उद्घाटन किया। एक्सप्रेस-वे पर बनी हवाई पट्टी पर प्रधानमंत्री सी-130 हरक्यूलिस विमान में उतरे। इस अवसर पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और अन्य नेता उपस्थित थे। आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे , जो 302 किलोमीटर लंबा है। इसका निर्माण लगभग 22,500 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से किया गया है। एक्सप्रेस-वे राज्य सरकार और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का ड्रीम प्रोजेक्ट रहा है। कोविड महामारी के कारण गंभीर प्रतिबंधों के बावजूद यह परियोजना रिकॉर्ड समय में पूरी हुई है।

तीन साल पहले रखी गई थी नींव

इसकी नींव 14 जुलाई, 2018 को आजमगढ़ में रखी गई थी। पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे परियोजना को सुदूर पूर्वी उत्तर प्रदेश क्षेत्र में विकास को बढ़ावा देने के लिए शुरू किया गया था, जो बुनियादी और औद्योगीकरण ढांचे में पिछड़ गया है। एक्सप्रेस-वे भाजपा को उस क्षेत्र में अपने राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों पर एक फायदा देने के लिए बाध्य है जिसमें प्रधानमंत्री का ससंदीय क्षेत्र वाराणसी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का निर्वाचन क्षेत्र गोरखपुर शामिल है।

इससे यूपी के इन नाै जिले जुड़ेंगे

एक्सप्रेस-वे लखनऊ-सुल्तानपुर रोड (एनएच-731) पर स्थित ग्राम चौदसराय, जिला लखनऊ से शुरू होकर उत्तर प्रदेश-बिहार सीमा से 18 किलोमीटर पूर्व में राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 31 पर स्थित गांव हैदरिया पर समाप्त होता है। यह एक्सप्रेस-वे प्रदेश के नौ जिलों, लखनऊ, बाराबंकी, फैजाबाद, अंबेडकर नगर, अमेठी, सुलतानपुर, आजमगढ़, मऊ और गाजीपुर को लिंक करेगा। एक्सप्रेस-वे 6 लेन चौड़ा है जिसे भविष्य में 8-लेन तक बढ़ाया जा सकता है।

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