जहरखुरानी के शिकार

- 61 मरीज जहरखुरानी के 5 महीने में जिला अस्पताल में भर्ती हुए

- 21 मरीज मार्च के महीने में हुए भर्ती

- 11 मरीज अप्रैल के महीने में हुए

- 09 मरीज मई में हुए भर्ती

- 17 मरीज जून के महीने में हुए भर्ती

- 02 मरीज जुलाई के महीने में हुए भर्ती

-----

- बरेली जंक्शन, सेटेलाइट में जहरखुरानी गिरोह सक्रिय, जेब में डाले रहते हैं नशीले पदार्थ से डूबी रूमाल

- बढ़ाते हैं जान-पहचान, खाने पीने की चीजों में नशीला पदार्थ मिलाकर खिलाते हैं

31 जुलाई से बाहर अगस्त तक यह गिरोह चौदह लोगों को शिकार बना चुका है।

बरेली : त्योहार में घर से निकले हैं तो जहरखुरानों से बचकर रहें। शहर में इधर-उधर जहरखुरान गिरोह ने अपना जाल फैला रखा है। यह हर दिन किसी न किसी को अपना शिकार बना रहा है। अलग-अलग हथकंडे अपनाने की वजह से लोगों की सतर्कता भी काम नहीं आ रही है। हाल की घटनाओं को देखें तो ट्रेन और बसों में सफर से ज्यादा सेटेलाइट और रेलवे स्टेशन पर यात्रियों को शिकार ज्यादा बनाया है। पुराने रोडवेज पर भी कई घटनाएं सामने आई हैं। लोगों की मदद से इन्हें जिला अस्पताल में कराया गया। बीते पांच महीने में करीब 61 लोग जिला अस्पताल में ऐसे भर्ती किए गए हैं जो जहर खुरानी का शिकार हुए हैं। इन्हें जंक्शन, पुराने बस अड्डे और सेटेलाइट से लाया गया। पुलिस की मानें तो जहर खुरानी गिरोह का जाल काफी फैल गया है। यह पश्चिमी उत्तरप्रदेश से लेकर दिल्ली तक सक्रिय है।

ऐसे बनाते हैं शिकार

- गिरोह के शातिर यात्रियों के स्टेशन और बस अड्डे पर पहुंचते ही अपनी नजर में चढ़ा लेते हैं। इन पर लगातार नजर रखते हैं। किसी बहाने से बातचीत शुरू करते हैं। फिर नशीली दवा मिली हुई खाने पीने की चीज देकर उन्हें बेहोशी की हालत में कर देते हैं और सामान लूट ले जाते हैं।

- इसके अलावा गिरोह के सदस्य नशीले स्प्रे का भी इस्तेमाल करते हैं। यात्रा के दौरान रात के समय ऐसा ज्यादा करते हैं। यात्री के बेहोशी की हालत में आते ही सामान लेकर आसानी से निकल जाते हैं।

- शातिर इन दिनों एक ऐसा तरीका अपना रहे हैं, जिससे सतर्क रह रहे यात्रियों का बचना भी मुश्किल हो रहा है। रूमाल में नशीले पदार्थ का एक लिक्विड लगाते हैं। यात्री के बगल में बैठकर सफर करते समय चेहरे के सामने रूमाल फटकारते हैं। इससे यात्री बेहोश हो जाता है। गिरोह के एक दो सदस्य पकड़े गए हैं जिनके पास लिक्विड लगा रूमाल मिला है।

जिला अस्पताल में कराया जाता है भर्ती

पीआरवी बेसुध यात्री को फौरन इलाज के लिए जिला अस्पताल ले जाती है। इमरजेंसी डॉक्टरों का कहना है कि रोजाना पुलिस सेटेलाइट, पुराना बस अड्डा और जंक्शन से जहरखुरानों के शिकार यात्रियों को लेकर आती है। उनका तत्काल इलाज किया जाता है। इस महीने अब तक 14 ऐसे लोग आए हैं।

बीते दस दिनों में हुईं घटनाएं

तारीख यात्री यहां मिले

31 जुलाई एक मरीज इज्जत नगर रेलवे स्टेशन

03 अगस्त एक नगर निगम

04 अगस्त एक सेटेलाइट

05 अगस्त तीन पुराना बस अड्डा

08 अगस्त एक पुराना बस स्टैंड

09 अगस्त दो बरेली जंक्शन

10 अगस्त दो पुराना रोडवेज

10 अगस्त एक सिटी स्टेशन

11 अगस्त एक बरेली जंक्शन

त्योहारों में ज्यादा होती हैं घटनाएं

जिला अस्पताल में अधिकांश यात्री गैर जनपद के मिले हैं। ज्यादातर घटनाएं पुराना रोडवेज और सेटेलाइट बस स्टैंड पर हुई हैं। जिला अस्पताल के डॉक्टरों का कहना है कि त्योहारों में घटनाएं काफी बढ़ जाती हैं।

इन तरीकों से बच सकते हैं

- अजनबी पर न करें विश्वास

- अजनबी से खाने पीने की चीजें न लें रेलवे स्टेशन और बस स्टैंड पर वैध हॉकरों से ही खाने की चीजें खरीदें

- कोई संदिग्ध दिखे तो तुरंत 100 नंबर पर सूचना दें

- पास में बैठकर यात्रा करने वालों से सावधान रहें

- स्टेशन और बस स्टैंड पर भी बस और ट्रेन का इंतजार करते वक्त सतर्क रहें।

वर्जन

जहरखुरानी गिरोह सक्रिय होने के कारण आज का समय इत्मिनान से यात्रा करने का नहीं है। हमेशा सावधान रहना चाहिए। अजनबी पर विश्वास बिल्कुल न करें।

राजेश, यात्री

----------

अब तो ट्रेन और बसों में सफर करने से डर लगने लगा है। कई लोग जहरखुरानी का शिकार हो रहे हैं। पुलिस रोक नहीं लगा पा रही है।

सत्यभान, यात्री

त्योहार के समय रेलवे स्टेशन और बस अड्डे पर भीड़ बढ़ जाती है। ऐसे में सावधान रहने की जरूरत ज्यादा है। कोई संदिग्ध नजर आए तो पुलिस को तुरंत सूचना दें।

सूरज अवस्थी, यात्री

अगर पुलिस चुस्ती से काम करे तो घटनाएं इतनी न हों। वैसे कुछ जिम्मेदारी हमारी भी है। हमें भी सतर्क रहना चाहिए। तभी हम सुरक्षित सफर कर सकेंगे।

देवेंद्र प्रताप सिंह, यात्री

- पुलिस यात्रियों की हिफाजत के लिए संदिग्ध लोगों पर नजर रख रही है। इसके लिए चीता मोबाइल और पीआरवी पर तैनात पुलिसकर्मियों को बस अड्डों और रेलवे स्टेशन पर गश्त देने के निर्देश दिए गए हैं।

अभिनंदन सिंह, एसपी सिटी