फोन पर दोस्ती के बाद शुरू होता था ब्लैकमेल का खेल

इस ब्लैकमेल करने वालों के दल की सदस्य लड़की पहले फोन करके दोस्ती करती थी और धीरे-धीरे बिजनेसमैन को अपनी बातों में फंसाने के बाद घर बुला लेती थी। जैसे ही वो कॉल करने वाली के घर पहुंचता था उसे युवती व उसके साथी पकड़ लेते थे। इसके बाद ब्लैकमेल कर मोटी रकम मांगी जाती थी। इस महिला और उसके गिरोह को पुलिस ने पकड़ लिया है। गिरोह में एक महिला कमलेश, दो पुरुष रवूदी गुर्जर, हरिया गुर्जर शामिल हैं, जबकि दो साथी पहले ही पकड़े जा चुके हैं।

एक व्यवसायी की रिर्पोट पर हुई कार्यवाही

प्रवीण दांतरे ट्रांसपोर्टर हैं उन्हें जून में एक कॉल आया। उसके बाद उसी नंबर से कॉल आना शुरू हो गए। कॉल करने वाली एक महिला थी और उसने प्रवीण से दोस्ती कर ली। कुछ दिन बात करने के बाद उसने उन्हें अपने घर बुलाया। ट्रांसपोर्टर जब उसके घर पहुंचा तो महिला के साथ 4 युवक खड़े थे। युवकों ने व्यवसायी को पकड़ लिया और ब्लैकमेल करने लगे कि 15 हजार रुपए नहीं दिए तो रेप का मामला दर्ज करा देंगे। घबराकर व्यवसायी ने 15 जून 2015 को थाने में शिकायत की थी। पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया था।

इसके बाद पूरी योजना बना कर इस महिला सहित 3 लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया। पकड़े गए गिरोह की पहचान कमलेश जाटव, रवूदी गुर्जर व हरिया गुर्जर निवासी ग्राम पुरा रिठौरा के रूप में हुई है। इनके दो साथी मोनू व किशोर पहले ही पकड़े जा चुके है। हरिया का कहना है कि कमलेश उसकी पत्नी है और कारोबारियों को फंसाने के लिए वे उसका उपयोग करते थे।

और भी लोगों को बना चुके हैं शिकार

पुलिस का माना है कि ये गिरोह करीब 10 और लोगों को ब्लैकमेल का शिकार बना चुका है, लेकिन अभी कबूल नहीं कर रहा है। फिलहाल गिरोह से पूछताछ कर डिटेल निकाली जा रही है। हालाकि गिरोह ने 6 लोगों को अपना शिकार बनाने की बात कबूल की है।

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