सबकुछ हुआ था प्लान के मुताबिक

इलाहाबाद से करीब 20 किमी दूर सोरांव में एक कैशियर ने ही फिल्मी अंदाज में लूट की घटना को अंजाम दिया. घटना एक प्राइवेट बैंक की है. यह डिफरेंट प्लान में लोगों का इंवेस्टमेंट कराती है. हुआ यूं कि प्लान के मुताबिक कैशियर सहाब को भुक्तभोगी बनना था, जबकि अन्य साथियों को लूट को अंजाम देना था. इसी अंदाज में उन्होंने लूट की घटना को अंजाम भी डाला. इस प्लान में कैशियर को कुर्सी में बांधकर और मुंह में टेप चिपकाकर उसके साथी लूट का पैसा लेकर चले गए.

 

तीन दोस्तों को किया था शामिल

सपी क्राइम अरुण पाण्डेय ने बताया कि रुपेश इस एजेंसी का कैशियर था. उसी ने लूट की योजना बनाई थी. थर्सडे मार्निंग वह घर से निकला और अपने साथी विनय कुमार लल्ला से मिला. लल्ला से लूट का प्लान शेयर किया. उसे भरोसे में लेने के लिए बताया कि इसमें कोई खतरा नहीं है. इसके बावजूद लल्ला ने कह दिया कि अकेले जाकर लूट करना ठीक नहीं है. इसके लिए उन्होंने चन्द्रशेखर और संतोष नामक युवकों को भी अपने इस लूट के लिए तैयार किए गए गैंग में शामिल कर लिया. इसमें कोई खतरा नहीं था. न तो किसी को गोली मारनी थी और न ही किसी से कोई विवाद होना था.

बंधक बनाया और लूट लिया

प्लानिंग के मुताबिक कैशियर रितेश सोरांव एरिया में स्थित अपनी एजेंसी में सुबह 9.25 बजे ही पहुंच गया. अमूमन साढ़े नौ बजे के बाद ही इस एजेंसी के कर्मचारियों का आफिस पहुंचना होता है. प्लान के मुताबिक बाइक से रितेश के साथी भी वहां पहुंच गए. उन्होंने रितेश को बंधक बना कर उसके मुंह पर टेप चिपका दिया. घटना को रीयल लुक देने के लिए रुपेश का हाथ-पांव रस्सी से बांध दिया गया. इसके बाद उन्होंने कलेक्शन सेंटर पर मौजूद 4,44,326 रुपए को समेटा और बैग में भर कर निकल गए.

मेडिकल में खुला राज

कुछ देर बाद वहां मैनेजर बाल कृष्ण मौर्या पहुंचे. घटना की जानकारी होने से वह सन्नाटे में आ गए. अंदर रुपेश की हालत देखकर उन्होंने उसे बंधन से मुक्त कराया और सोरांव पुलिस को इस लूट की सूचना दी. पुलिस मौके पर पहुंची और रुपेश से बदमाशों के बारे में जानकारी करने लगी. रुपेश ने पुलिस को बताया कि बदमाशों ने उसकी आंख में कुछ डाल दिया था इससे वह देश नहीं सकता था. छटपटाने के चलते कुछ ही देर बाद वह बेहोश हो गया. यह बयान देकर वह अपने ही जाल में फंस गया. पुलिस रितेश को लेकर मेडिकल कालेज पहुंची और उसका मेडिकल टेस्ट कराया. यहां पर पुलिस को क्लू मिल गया. डॉक्टर ने साफ कर दिया कि रितेश की आंख में कोई भी पदार्थ या केमिकल अंदर नहीं पहुंचा है.