- सरोजनीनगर के एक शख्स के अकाउंट से उड़ाए थे 40 हजार रुपये

- बिग बाजार से खरीदे प्रोडेक्ट की डिलीवरी पर दबोचा गया आरोपी

LUCKNOW: साइबर सेल ने लोगों की गाढ़ी कमाई पर डाका डालने वाले एक साइबर क्रिमिनल को दिल्ली से गिरफ्तार किया है। पकड़ा गया आरोपी जामताड़ा का रहने वाला बताया जा रहा है। आरोपी ने बताया कि उसने जामताड़ा से साइबर ठगी की ट्रेनिंग ली थी। ट्रेनिंग के लिए 50 हजार से एक लाख रुपये वसूले जाते हैं।

फेक कॉल कर उड़ाए पैसे

सरोजनीनगर के जितिन कपूर ने नवंबर में साइबर फ्रॉड का एक मामला दर्ज कराया था। उन्होंने बताया कि साइबर क्रिमिनल्स ने फेक कॉल करके उनके अकाउंट से 49 हजार रुपये फ्यूचर पे में पैसा ट्रांसफर कर लिया था। ऐसे में साइबर फ्रॉड के चलते सरोजनीनगर पुलिस ने मामले की जांच के लिए साइबर क्राइम सेल से मदद मांगी थी।

बिग बाजार से टीवी खरीदने पर आरोपी हुआ ट्रेस

ज्वाइंट कमिश्नर नीलाब्जा चौधरी ने बताया कि साइबर सेल टीम मामले की जांच कर रही थी। इस दौरान उन्हे पता चला कि आरोपी ने फ्यूचर पे अकाउंट से कई वॉलेट में पैसा ट्रांसफर किया फिर उससे बिग बाजार से ऑनलाइन एक एलईडी टीवी खरीदी। टीवी की डिलीवरी दिल्ली होनी थी। इस पर दिल्ली पहुंची टीम ने आरोपी को दबोच लिया। पकड़ा गया आरोपी झारखंड के जामताड़ा स्थित झिलुवा नरायनपुर निवासी प्रदुम्न मंडल निकला, जहां से ऑनलाइन फ्रॉड का नेक्सेज चलता है।

कॉलिंग, लिंक, एप डाउन लोड करा करते थे ठगी

साइबर सेल प्रभारी राहुल राठौर ने बताया कि जामताड़ा निवासी आरोपी कॉलिंग, लिंक और एप डाउन लोड कराकर ठगी करता था। उसने बताया कि जामताड़ा के साइबर क्रिमिनल्स बैंक मैनेजर बन कॉल करके या फिर एटीएम अपटेड, आधार लिंक, मोबाइल पर एप का लिंक भेज कर अकाउंट की डिटेल हासिल करते हैं। इसके बाद ऑनलाइन ट्रांजेक्शन कर रकम उड़ा लेते हैं। फिर इस रकम को कई वॉलेट में ट्रांसफर करते हैं ताकि पुलिस उलझ जाए और उन तक ना पहुंच सके।

ऑनलाइन प्रोडेक्ट की करते हैं खरीदारी

आरोपी ने बताया कि वह लोग ठगी के पैसों से ऑनलाइन खरीदारी करते हैं। इसके बाद प्रोडेक्ट की डिलीवरी होने पर उसे सस्ते दाम पर बेच देते हैं। दिल्ली में ऐसे प्रोडेक्ट खरीदने की बड़ी मार्केट है। इसके बाद कैश एजेंट के माध्यम से ग्रुप लीडर तक पहुंचता है और ग्रुप डीलर अपना कमीशन काट कर कॉलिंग करने वाले ठग को पहुंचा देता है। साइबर सेल प्रभारी ने बताया कि ठग इतने चैनल का यूज इसलिए करते हैं ताकि पुलिस मेन शख्स तक न पहुंच सके। वहीं प्रदुम्न मंडल करीब दो वर्ष से साइबर ठगी का काम करता था, लेकिन वह पुलिस के हत्थे पहली बार चढ़ा है। उसे हर साल करीब पचास लाख ठगी का टारगेट दिया जाता था। प्रदुम्न ने बताया कि ग्रुप के सभी मेंबर्स का टारगेट फिक्स रहता है। साल का टर्नओवर उसी टारगेट के तहत पूरा करना होता है।